चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने राज्य में बलात्कार और सामूहिक बलात्कार के अपराधों को लेकर कानून में ठोस सत्रा का प्रावधान करते हुये इसमें आजीवन कारावास से लेकर मृत्युदंड की सत्रा प्रावधान किया है। राज्य विधानसभा के बजट सत्र के आज अंतिम दिन इस सम्बंध में पेश किये गये विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। अब कानून में 12 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं के साथ बलात्कार और सामूहिक बलात्कार के मामले में कम से कम 14 साल या आजीवन कारावास या मृत्युदंड की सत्रा का प्रावधान किया गया है।
सरकार ने इसी तरह कानून में महिलाओं से छेड़छाड़, शीलभंग अथवा हमला करने के अपराधों के लिये भी कम से कम दो साल और अधिकतम सात साल की सत्रा का प्रावधान किया है। इसी तरह पीछा करने के मामले में दूसरी बार दोषी पाये जाने पर कम से कम तीन वर्ष और अधिकतम सात साल सत्रा मिलेगी। विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी और पार्टी सदस्य गीता भुक्कल ने विधेयक का स्वागत करते हुये कहा कि बलात्कार एक दरिंदगी है तथा इसका शिकार होने वाली महिला जिंदगी भर यह जिल्लत झेलती है।
उन्होंने सरकार को ऐसे मामलों में 12 वर्ष की आयु सीमा हटाने का सुझाव दिया। इसके अलावा कांग्रेस सदस्य कर्ण सिंह दलाल ने कहा चूंकि ऐसे अपराधों के लिये कानून में अब मृत्युदंड और आजीवन कारावास की सत्रा का प्रावधान किया गया है ऐसे में मामलों की जांच भी पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारियों द्वारा ही की जानी चाहिये। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विपक्षी सदस्यों के सुझावों का स्वागत किया और कहा कि फिलहाल ऐसे अपराधों को अंत्राम देने वाले अपराधियों के मन में कानून का खौफ रहे इसलिये यह विधेयक लाया जा रहा है जिसमें बाद में जरूरत के अनुसार अनेक संशोधन किये जा सकते हैं। उन्होंने सभी सदस्यों से विधेयक को पारित करने में सहयोग की अपील की।
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