पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने राज्य में महिलाओं के लिए भी खुली कृषि जेल शुरू करने पर बल देते हुये जेल विभाग से इस बारे में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये हैं।
राज्य में अपनी किस्म की पहली जेल होगी जहां महिला कैदी भी जेल के दायरे में रहकर बाहर काम करने में समर्थ हो सकेंगी और यह जेल उनकी रिहाई के बाद उनके पुनर्वास के लिए मददगार साबित होगी।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय जेल का निरीक्षण किया तथा कैदियों के परिवारों के लिए नये बने प्रतिक्षा घर को उनके परिवारिक सदस्यों को समर्पित करने के बाद ए.डी.जी.पी. (जेल ) रोहत चौधरी को यह प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
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इस मौके पर श्री चौधरी ने मुख्यमंत्री को बताया कि जेल विभाग के पास पहले ही नाभा में पुरूष कैदियों के लिए एक खुली कृषि जेल मौजूद है जबकि बठिंडा, एस.बी.एस. नगर और कपूरथला में भी ऐसी जेलें स्थापित करने का प्रस्ताव विचाराधीन है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि दूर दरात्र के इलाकों के कैदियों को मिलने आने वाले उनके पारिवारिक सदस्यों को प्रतिक्षा घर से राहत मिलेगी।अन्यथा कैदियों के रिश्तेदारों को खुले में बैठ कर अपनी बारी का इंतत्रार करना पड़ता है। राज्य की जेलों में बनाऐ जा रहे अन्य प्रतिक्षा घरों में शैचालय, पानी के कूलर, टेलीविजऩ आदि की भी सुविधा होगी। खाने -पीने वाली वस्तुओं के स्टोर भी होंगे।
पटियाला समेत लुधियाना और कपूरथला केंद्रीय जेलों में यह प्रतिक्षा-घर बनाए गए हैं जबकि फिऱत्रपुर, होशियारपुर, नई नाभा जेल और त्रिला जेल संगरूर में इनका काम प्रगति पर है।
इस मौके पर कैप्टन सिंह ने कैदियों को जेलों के अंदर दैनिक त्ररूरत वाली वस्तुओं की खऱद की सुविधा प्रदान करने के लिए ई -पर्स सिस्टम भी जारी किया। यह प्रणाली राज्य भर की 15 जेलों में शुरू की गई है जहाँ सभी वित्तीय तबादले स्मार्ट कार्ड की मदद से कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के द्वारा किये जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने इस समय गैंग्स्टरों के सुधार के लिये नयी नीति की भी जानकारी हासिल की, जिसके तहत जुर्म की दुनिया को अलविदा कहने वाले और अपने व्यवहार में परिवर्तन लाने वाले बंदियों को इस उच्च सुरक्षा जोन से बाहर निकाल लिया जाता है।