प्रधानमंत्री की सुरक्षा में प्रोटोकॉल के उल्लंघन के मुद्दे पर पंजाब कांग्रेस में आंतरिक कलह खुलकर सामने दिखाई दे रही है। पंजाब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस घटना को सबसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है और कहा है कि मामले की जांच हाईकोर्ट के एक मौजूदा न्यायाधीश द्वारा की जानी चाहिए। कांग्रेस सांसद तिवारी की यह प्रतिक्रिया घटना और कांग्रेसी ने सुनील जाखड़ की टिप्पणी के एक दिन बाद आई है, उन्होंने भी इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है, जबकि कांग्रेस आधिकारिक तौर पर पीएम के कार्यक्रम में अंतिम समय में बदलाव करने के लिए एसपीजी को दोषी ठहरा रही है।
पाकिस्तान की फायरिंग रेंज में थे पीएम नरेंद्र मोदी
मनीष तिवारी ने आगे कहा, ‘देखिए जहां पर उनका काफिला रुका था। वो जगह भारत की सरहद से सिर्फ 10 किलोमीटर पर है। पाकिस्तान की जो हैवी आर्टिलरी है, जो भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात रहती है। हमारी भी आर्टिलरी तैनात रहती है, उसकी रेंज 35-36 किलोमीटर से ज्यादा होती है, इसलिए देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा की तुलना किसी और से करना मैं अपने विवेक में इस बात को उचित नहीं मानता। मैं ये नहीं कह रहा कि उनकी सुरक्षा में कोई खामी आई थी।’
‘मैं जिंदा लौट आया हूं’, पीएम मोदी का यह कहना अत्यंत दुखद
मनीष तिवारी ने कहा, ‘वास्तविकता ये है कि उनको 20 मिनट तक एक फ्लाई ओवर पर रुकना पड़ा। वास्तविकता दूसरी ये है कि इसलिए रुकना पड़ा कि वहां पर प्रदर्शनकारी थे। कई लोगों का यह कहना है कि उसमें बीजेपी कार्यकर्ता भी मौजूद थे। इसके बाद जब प्रधानमंत्री भटिंडा आए तो उन्होंने तथाकथित तौर पर ये कहा कि अपने मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहना कि मैं बचकर लौट आया हूं। उन्हें अगर लगता है कि कोई दुर्भावना है तो ये बहुत ही दुखद और अत्यंत ही चिंता वाली बात है।’
SPG को मदद करना सबका उत्तरदायित्व
मनीष तिवारी ने कहा, ‘SPG का एक कानून है, इस कानून की धारा 14 है, इसके तहत ये उत्तरदायित्व बनता है, हर राज्य सरकार का, केंद्र सरकार के हर मंत्रालय का, हर प्रशासन का, हर लोकल बॉडी का कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में मदद करें।’