चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पंजाब विधानसभा चुनावों से ठीक पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ‘प्रधान सलाहकार’ पद से इस्तीफा दे दिया है। प्रशांत इसी साल 2 मार्च को सीएम अमरिंदर के ‘प्रधान सलाहकार’ के रूप में नियुक्त हुए थे। वहीं उन्होंने इस्तीफे के बारे में सीएम अमरिंदर सिंह को पत्र लिखकर सूचित किया है। पंजाब के सीएम को लिखे पत्र में, प्रशांत ने कहा कि वह “पब्लिक लाइफ में अपनी एक्टिव भूमिका से ब्रेक लेना चाहते हैं।”
किशोर आगे लिखते हैं, “जैसा कि आप जानते हैं, सार्वजनिक जीवन में सक्रिय भूमिका से अस्थायी अवकाश लेने के मेरे निर्णय के मद्देनजर, मैं आपके प्रधान सलाहकार के रूप में जिम्मेदारियों को संभालने में सक्षम नहीं हूं। चूंकि मुझे अभी अपने भविष्य के कार्य के बारे में निर्णय लेना है, इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे इस जिम्मेदारी से मुक्त करने की कृपा करें। इस पद के लिए मुझ पर विचार करने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं।”
साल 2014 में एक प्रशांत ने प्रोफेशनल सलाहकार के तौर पर बीजेपी के चुनाव मैनेजमेंट की जिम्मेदारी संभाली थी। बतौर पॉलिटिकल स्ट्रैटजिस्ट अपना करियर शुरू करने से पहले प्रशांत किशोर UNICEF में नौकरी करते थे और उन्हें ब्रांडिंग का जिम्मा मिला था। प्रशांत करीब 8 साल यूनाइटेड नेशंस से जुड़े रहें।
2014 में लोकसभा चुनाव में सलाहकार के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभालने के बाद उन्होंने 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन के लिए चुनाव प्रचार संभाला। न्होंने रणनीति तैयार की और चर्चित नारा भी दिया था-‘ बिहार में बिहार है, नीतीशै कुमार है’ यह नारा काफी छाया रहा। इस चुनाव में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला।