राष्ट्रपति द्वारा बैठक के लिए समय नहीं दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को घोषणा करते हुए कहा कि वह राज्य के बिजली संकट को उजागर करने के लिए बुधवार को दिल्ली के राजघाट पर विधायकों के साथ धरने का नेतृत्व करेंगे।
बता दें कि इस वक्त पंजाब में मालगाड़ियां ठप है। इस वजह से पंजाब के पांच थर्मल प्लांटों मे कोयले की कमी की से बिजली उत्पादन भी रुक गया है। राज्य में अब बिजली संकट उत्पन्न हो गया है। सभी बिजली संयंत्रों को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया, साथ ही साथ कृषि और सब्जी आपूर्ति पर भी रोक लगाई गई इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री अमरिंदर ने कहा कि उन्होंने सभी विधायकों के साथ मिल कर धरना आयोजित करने का फैसला कर लिया है।
बता दें कि सीएम अमरिंदर सभी दलों के विधायकों के साथ 4 नवंबर को राष्ट्रपति से मिलने के लिए जाने वाले थे लेकिन राष्ट्रपति कोविंद द्वारा उन्हें मुलाकात का समय नहीं दिया गया। राष्ट्रपति के सामने अमरिंदर सिंह तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ पारित संशोधन विधेयक को मंजूर करने की मांग करते और मालगाड़ियों को रोके जाने का मुद्दा भी उठाते। बता दें कि पंजाब के दोनों प्रमुख विपक्षी आम आदमी पार्टी और अकाली दल ने मुख्यमंत्री के साथ राष्ट्रपति से मिलने दिल्ली जाने से मना कर दिया है।