लुधियाना-अमृतसर : हिन्दू महासभा राष्ट्रवादी की मांग है कि पंजाब विधान सभा के आगामी सत्र के लिए पंजाब में आतंकवाद पीड़ित परिवारों को आर्थिक अनुदान देने के लिए प्रस्ताव लाया जाए। हिन्दू महासभा राष्ट्रवादी इस मुद्दे को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी देगी। अगर ज्ञापन लेने के लिए समय न दिया गया तो ज्ञापनी की प्रतियां विधान सभा के स्पीकर को भेजी जाएंगी।
समय समय पर पंजाब सरकार ने आतंकवाद पीड़ित परिवारें को सहायता के एलान किए परंतु इसे सिर्फ चुनावी वायदों तक ही सीमित रहने दिया गया। इस लिए हिन्दू महासभा राष्ट्रवादी की ओरा से पंजाब के आतंकवाद पीड़ित परिवारों को न्याय दिलवाने के लिए आवाज बुलंदी की जाएगी । इस के लिए हिन्दू महासभा ने नेशनल स्टूडेंट्स फेडरेशन और आल इंडिया आतंकवाद पीडित परिवार एसोसिएशन के साथ मिल कर राष्ट्रीय स्तर पर आवाज बुलंद करने निर्णय लिया है।
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महासभा के अध्यक्ष अध्यक्ष गगनदीप भाटिया और महासचिव राजविंदर कुमार राजा ने बताया कि पंजाब में आतंकवाद पीड़ित परिवारों को अभी तक किसी भी सरकार ने न तो उचित मुआवजा दिया है और नहीं पीड़ितों के पुनर्वास के लिए कोई ठोस नीति लागू की है। पंजाब में आतंवाद के पीड़ित परिवारों को 36 वर्ष बीत जाने के बाद भी न्याय नही मिला है। आज भी य उन्होंने कहा कि अब जो आंदोलन शुरू होगा वह ह परिवार दर दर की ठोकरे न्याय हासिल करने के लिए खा रहे है। पीड़िता को न्याय दिलवाने के लिए हिन्दू महासभा , एनएसएफ और आल इंडिया आतंकवाद पीडित परिवार एसोसिएशन के चेयमरैन डा बीआर अस्तीर और अन्य के मध्य एक बैठक हुई है।
संगठनो की मांग है कि पीड़ित परिवारों को दिल्ली दंगों के पीड़ितों के समान मुआवजा राशि और अन्य सुविधाएं दी जाएं। इस के लिए पंजाब विधान सभा में प्रस्ताव लाया जाए। केंद्र और राज्य सरकारों ने एलान किया था कि पंजाब के आतंकवाद पीड़ित परिवार चाहते वह किसी भी धर्म के साथ संबंधित है उनको दिल्ली दंगों के पीड़ित परिवारों को नानवटी आयोग की सिफारिशें के अनुसार अनुदान दिया जाएगा। परंतु हमेशा ही
पंजाब के आतंकवाद पीडित परिवारों के पुर्नवास को लेकर अलग अलग राजनीतिक पार्टियों ने अपने वोट बैंक के रूप में ही उपयोग किया है। आतंकवाद के दौरान पंजाब में 30 हजार परिवार प्रभावित हुए है। जिन में बहुत सारे लाभ पात्रियों की मौत भी हो चुकी है। आज भी उनके वारिस सरकारी कार्यालयों के में धक्के खा रहे है।
उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली दंगों के पीडितों को न्याया और अन्य सुविधाए मिल सकती है तो पंजाब के अंतकवाद पीड़ित परिवारों के साथ अलग अलग सरकारें और राजनीतिक पार्टियों के नेता भेदभाव क्यों कर रहे है। उन्होंने कहा कि हर बार चुनावों के दौरान पीडितों को मुआवजा दिए जाने की मांग राजनीतिक दल अपने चुनाव घोषणा पत्रों में दर्ज करते है। परंतु सत्ता में आने के बाद पीडितों को भूला दिया जाता है। अब इस मुद्दे को लेकर आवाज बुलंद करते हुए सरकार को पीडितों के लिए सार्थक फैसला करने को मजबूर किया जाएगा।
– सुनीलराय कामरेड