पंजाब के कद्दावर नेता और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया और मामला दर्ज किये जाने को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ करार दिया।
गुरुद्वारा में टेका मत्था
बीते दिसम्बर में अपने खिलाफ एक मामला दर्ज होने के बाद से मजीठिया पहली बार मंगलवार को सार्वजनिक तौर पर सामने आए और पंचकुला के गुरुद्वारा में उन्होंने मत्था टेका। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) मामले में उन्हें सोमवार को अग्रिम जमानत दी थी।
उन्हें बुधवार को जांच में शामिल होने के लिए पुलिस के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया गया था। पंजाब के पूर्व मंत्री को सुनवाई की अगली तारीख तक देश न छोड़ने को भी कहा गया है। उन्हें व्हाट्सऐप के जरिये अपनी ‘‘लाइव लोकेशन’’ की जानकारी जांच एजेंसी के साथ साझा करने के लिए कहा गया है।
कई पुलिस अधिकारियों को धमकाया गया
मजीठिया ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कई पुलिस अधिकारियों को धमकाया गया और पदोन्नति का लालच भी दिया गया। उन्होंने दावा किया, एक अधिकारी ने मुझे बताया कि उन्हें मेरे खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए पैसे की पेशकश की गई थी।
मजीठिया ने कहा कि पंजाब में चार महीने में तीन पुलिस महानिदेशकों को बदले जाने की घटना के बारे में प्रदेश में पहले कभी नहीं सुना गया था। उन्होंने कहा, ‘‘दिन के उजाले में भी जितना कुछ सरकार कर सकती थी, उसने किया।
हमेशा खुद को कानून के प्रति समर्पित किया है
उन्होंने कहा कि ऐसे भी अधिकारी हैं, जिनके साथ सरकार ने हर हथकंडा अपनाया, लेकिन वे सच्चाई पर डटे रहे। उन्होंने कहा, “मैंने कानून का पालन करने वाले नागरिक की तरह हमेशा खुद को कानून के प्रति समर्पित किया है।” मजीठिया ने कहा, सत्य की हमेशा जीत होती है। जब दुर्भावनापूर्ण इरादे हों तो सरकार से लड़ना आसान नहीं होता है। हालांकि कुछ अधिकारियों ने खुद को (साजिश से) अलग कर लिया, लेकिन हर बैठक में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मेरे खिलाफ हर तरह की साजिश रची।’’
सारे कानून एक तरफ रखने जैसा है
उन्होंने कहा, “मेरा रुख बिल्कुल वैसा ही है और बहुत स्पष्ट है कि यह बदले की राजनीति है। यह अपनी कुर्सी बचाने के लिए सारे कानून एक तरफ रखने जैसा है। आपने कांग्रेस की स्थिति देखी है।” उन्होंने कहा कि वह बुधवार को जांच में शामिल होंगे। अपने खिलाफ पहले जारी लुकआउट नोटिस पर मजीठिया ने कहा कि यह सब नाटक है और वह कभी कहीं नहीं गए। उन्होंने यह भी कहा कि अग्रिम जमानत के लिए आवेदन करना हर किसी का अधिकार है।
सिद्धू के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हैं
अमृतसर पूर्व सीट से पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ चुनाव लड़ने का सुझाव देने वाली पार्टी के भीतर की आवाजों पर टिप्पणी करते हुए, मजीठिया ने कहा कि पार्टी जो भी कहेगी वह उसका पालन करेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या वह सिद्धू के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हैं, उन्होंने कहा कि समय आने पर वह जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस, भाजपा और आप के नेताओं ने भी उनके परिवार के सदस्यों को कॉल करके उनके खिलाफ मामले को ‘अनुचित’ करार दिया।
एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था
मजीठिया को यहां से करीब 20 किलोमीटर दूर नाडा साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेकने और अरदास के दौरान पीली पगड़ी और जींस पहने देखा गया। उन्होंने कहा, “जब मैंने नाडा साहिब गुरुद्वारे में नतमस्तक किया, तो कई बुजुर्ग पुरुषों और महिलाओं ने मुझे प्यार से गले लगाया। मैं अवाक रह गया, बता नहीं सकता कि मुझे लोगों से कितना प्यार मिला है।’’ पंजाब में मादक पदार्थ रैकेट की जांच की 2018 की रिपोर्ट के आधार पर 46 वर्षीय अकाली नेता के खिलाफ पिछले साल 20 दिसंबर को एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
वही, इसके साथ मादक पदार्थ-रोधी विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के प्रमुख हरप्रीत सिंह सिद्धू ने 2018 में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में रिपोर्ट दाखिल की थी। पुलिस की सख्त छापेमारी के बावजूद मजीठिया को गिरफ्तार नहीं किया जा सका था। मजीठिया सुखबीर सिंह बादल के साले और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई हैं।