तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की सरकार के साथ आठवें दौर की वार्ता के एक दिन पहले पंजाब के भाजपा नेता सुरजीत कुमार ज्याणी और हरजीत सिंह ग्रेवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
मुलाकात के बाद ज्याणी ने संवाददाताओं से कहा कि किसान संगठनों को तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़ियल रवैया नहीं अपनाना चाहिए।
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि वामपंथी नेता इस आंदोलन में प्रवेश कर गए हैं और और वे नहीं चाहते कि मामले को सुलझाया जाए।
ग्रेवाल ने दावा किया कि सरकार किसानों के हित में सबकुछ करने को तैयार है।
ज्ञात हो कि किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को दूर करने के लिए शाह ने पिछले दिनों किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से भी वार्ता की थी।
सातवें दौर की वार्ता असफल होने के बाद शुक्रवार को एक बार फिर किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और सरकार के मंत्रियों के बीच विज्ञान भवन में वार्ता प्रस्तावित है। किसानों से वार्ता करने वाले केंद्रीय मंत्रियों में नरेन्द्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश शामिल हैं।
वार्ता से ठीक पहले किसान संगठनों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला और कहा कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड से पहले मार्च निाकलकर उन्होंने अपना रिहर्सल किया।
ज्याणी और ग्रेवाल ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की थी।
ज्याणी को पिछले साल तीन कृषि विधेयकों पर पंजाब के किसानों से चर्चा के लिए भाजपा की ओर से गठित किसान समन्वय समिति की अध्यक्षता सौंपी गई थी। उस समय ये विधेयक संसद से पारित नहीं हुए थे। ग्रेवाल भी इस समिति के सदस्य थे।
सरकार और किसानों के बीच संपन्न हुई सातवें दौर की वार्ता में गतिरोध का कोई समाधान नहीं निकल सका था।