राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सिख फॉर जस्टिस के सदस्य जसविंदर सिंह मुल्तानी और कुछ "खालिस्तानी तत्वों" के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मीड़िया रिपो्र्टस के अमुसार गृह मंत्रालय से प्राप्त आदेशों के बाद गुरुवार की देर रात एंटी टेरर एजेंसी ने मामला दर्ज किया है। बता दें कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के प्रमुख सदस्य मुल्तानी को कथित तौर पर लुधियाना कोर्ट विस्फोट मामले से जोड़ा गया है।
पूरा मामला
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने और पंजाब में आतंकवाद को फिर से शुरू करने के प्रयास के लिए आपराधिक साजिश रचने के आरोप में जर्मनी में हिरासत में लिए गए सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के कथित सदस्य जसविंदर सिंह मुल्तानी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
अधिकारियों के अनुसार, पिछले हफ्ते जर्मनी में हिरासत में लिए गए मुल्तानी के खिलाफ देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के प्रासंगिक प्रावधान के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पंजाब को भारत संघ से अलग करने की साजिश
अधिकारियों ने कहा कि यह मामला पंजाब को भारत संघ से अलग करने की साजिश के तहत मुल्तानी द्वारा विदेशों में स्थित कई अन्य खालिस्तान समर्थक तत्वों के साथ मिलकर राज्य में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने, उन्हें उकसाने और ऐसे संगठनों में भर्ती करने के लिए जमीनी स्तर पर तथा ऑनलाइन सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से अपनी विचारधारा का प्रचार करने से संबंधित है। अधिकारियों ने कहा कि वे राज्य में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए पंजाब में तस्करी नेटवर्क का उपयोग कर हथियार, गोला बारूद और विस्फोटक खरीदने के लिए धन जुटाने में शामिल रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि मुल्तानी मुंबई एवं देश के अन्य हिस्सों में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के गुर्गों के संपर्क में भी रहा है।
उन्होंने कहा कि मामला दर्ज होने से सरकार को कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करने में मदद मिलेगी ताकि मुल्तानी को या तो निर्वासित किया जा सके या भारत प्रत्यर्पित किया जा सके।