पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि चुनाव ईवीएम की जगह मतपत्र से कराए जाने चाहिए क्योंकि ईवीएम में ‘‘गड़बड़ी’’ की जा सकती है। उनका बयान ऐसे समय आया है जब नवजोत सिंह सिद्धू सहित कुछ विधायकों ने ईवीएम के इस्तेमाल पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि चुनाव मतपत्र के जरिए कराए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के चार साल पूरे होने पर एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हमें वापस मतपत्रों पर जाना चाहिए और मैं पूरी तरह इसके समर्थन में हूं।’’ उन्होंने जापान, स्वीडन और ब्रिटेन जैसे देशों में ईवीएम का इस्तेमाल न किए जाने का संदर्भ देते हुए कहा कि वह उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने पहले-पहल ईवीएम के इस्तेमाल का विरोध किया था क्योंकि इनमें ‘‘गड़बड़ी’’ की जा सकती है।
अमरिंदर ने कहा, ‘‘विकसित देशों में ईवीएम का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाता? जपान में क्यों इसका इस्तेमाल नहीं हो रहा? वहां मतपत्र क्यों है? स्वीडन में मतपत्र क्यों है? ब्रिटेन में मतपत्र क्यों है?’’ मुख्यमंत्री ने इस दौरान केंद्र से तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने का भी आग्रह किया और कहा कि केंद्र सरकार को अपना अहंकार छोड़ना चाहिए तथा किसानों से चर्चा के बाद नए कानून लाने चाहिए।
उन्होंने किसान आंदोलन शुरू होने के बाद से सीमा पार से ड्रोन गतिविधियों में वृद्धि का भी गंभीर संज्ञान लिया। अमरिंदर ने कहा कि पंजाब में खालिस्तानी संगठन फिलहाल निष्क्रिय हैं, लेकिन उन्हें अशांति उत्पन्न करने के लिए ड्रोन से हथियार भेजे गए।
सरकार की उपलब्धियों के बारे में उन्होंने कहा कि राज्य में मादक पदार्थों की कड़ी को सफलतापूर्वक तोड़ दिया गया है। पंजाब की एक जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के खिलाफ आपराधिक मामलों के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मामला विचाराधीन है।
उत्तर प्रदेश सरकार अंसारी की हिरासत मांग रही है। अमरिंदर ने कहा कि अंसारी ने यदि पंजाब में अपराध किया है तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी।