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पंजाब के सीएम चन्नी ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, किसानों का कर्ज पूरी तरह से माफी करने की मांग की

केंद्र के तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद में एक विधेयक पारित होने के एक दिन बाद मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर किसानों और खेत मजदूरों का कर्ज पूरी तरह से माफ करने की मांग की।

केंद्र के तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद में एक विधेयक पारित होने के एक दिन बाद मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर किसानों और खेत मजदूरों का कर्ज पूरी तरह से माफ करने की मांग की। 
कृषि कर्ज एक बड़ा मुद्दा है – सीएम चन्नी 
चन्नी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार कर्ज माफी की रकम का एक हिस्सा केंद्र के साथ साझा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि किसान नेताओं ने अपनी मांगों के साथ हाल में चंडीगढ़ में उनसे मुलाकात की थी और सिर्फ एक बड़ा मुद्दा लंबित है, जो कृषि कर्ज का है। 
चन्नी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है, ‘‘तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की आपकी घोषणा के साथ, किसान और सरकार कुछ बड़े लंबित मुद्दों को हल करने की दिशा में एक कदम नजदीक बढ़ गये हैं। ये मुद्दे तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग के साथ केंद्र बिंदु में थे। इनमें सबसे प्रमुख मुद्दा कृषि कर्ज का है।’’ उन्होंने लिखा है, ‘‘भारत सरकार के रुख बदलने के बाद उम्मीद की एक किरण आई है। ’’ 
किसान कर्ज के बोझ तले दब गये – चन्नी 
चन्नी ने पत्र में लिखा है, ‘‘प्रधानमंत्री जी, पंजाब के किसान उनमें से एक हैं जो राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा को पूरा करते हैं और हरित क्रांति में एक अहम भूमिका निभाई। आज के भरे हुए गोदाम उनके अथक परिश्रम के गवाह हैं…। ’’ 
उन्होंने लिखा है, ‘‘हालांकि, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए हमारे स्वाभिमानी किसान कर्ज के बोझ तले दब गये। जब वे खेतों में कड़ी मेहनत कर रहे थे तब उनके बेटे अपनी जान की बाजी लगा कर संवेदनशील सीमाओं की रक्षा कर रहे थे। भारत धरती के इन सपूतों का कर्जदार है।’’ 
कर्ज का दबाव की आत्महत्या का मूल कारण है – पंजाब सीएम 
मुख्यमंत्री ने लिखा है,‘‘मेरा यह दृढ़ विचार है कि यह महान राष्ट्र, जिसकी उन्होंने दशकों तक सेवा की है,का अब खेत मजदूरों के कर्ज सहित कृषि कर्ज पूरी तरह से माफ करने का एक नैतिक दायित्व बनता है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी बैंक या गैर बैंकिंग संस्थान को कृषि कर्ज की वसूली के लिए हमारे किसानों या खेत मजदूरों के घर नहीं पहुंचना चाहिए, जो इन लोगों की आत्महत्या का मूल कारण है। 
चन्नी ने पत्र में लिखा है, ‘‘इसलिए मैं आपसे किसानों और खेत मजदूरों के कर्ज को पूरी तरह से माफ करने का अपना प्रस्ताव स्वीकार करने का आग्रह करता हूं। मेरी सरकार कर्ज के इस बोझ को भारत सरकार के साथ साझा करने के लिए तैयार है।

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