लुधियाना-बठिण्डा : पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल के छोटे भाई पूर्व लोकसभा सांसद सदस्य गुरदास सिंह बादल (88) का बीती रात फोर्टिस अस्पताल मोहाली में निधन हो गया था। उनका आज गांव बादल जिला मुक्तसर साहिब में भारी सुरक्षा बंदोबस्त के तहत अंतिम संस्कार कर दिया गया।
इस अवसर पर पंजाब पुलिस के जवानों की विशेष टुकड़ी ने उन्हें सलामी दी। मृतक देह को अगिन उनके सुपुत्र मनप्रीत सिंह बादल और भतीजे सुखबीर सिंह बादल ने दी। इस मोके पर डेरा राधा स्वामी प्रमुख गुरविंद्र सिंह ढिल्लो, केबिनेट मंत्री तृप्त राजिंद्र सिंह बाजवा, केबिनेट मंत्री विजइंद्र ङ्क्षसगला, वरिष्ठ अकाली आगु बलविंद्र सिंह भुंदड़, पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका, जनमेज सिंह सेखों, पूर्व मंत्री राणा गुरजीत सिंह और मुख्यमंत्री पंजाब के सियासी सलाहकार अमरेंद्र सिंह राजा वडिंग-विधायक गिदड़बाह, विधायक कुलबीर सिंह जीरा समेत अलग-अलग सियासी पार्टियों से जुड़े नेताओं के साथ प्रशासनिक अधिकारी और आगु भी मोजूद थे। गुरदास बादल 1967 में 7वीं लोकसभा में सांसद रह चुके हैं।
शव यात्रा से पहले दृश्य उस वक्त मार्मिक हो उठा जब पूर्व सांसद सदस्य गुरदास सिंह बादल के वियोग में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का छोटे भाई के प्रति बेअथाह प्यार भरा वियोग देखने को मिला। दास की मृतक देह को बड़े बादल देखते ही बिलख पड़े और नम हो रही आंखों से मृत देह को देखते देखते वह बक्से के ऊपर सिर रखकर विलाप करने लगे।बादल ने शिकायत के लहजे में कहा कि वह तो आखिरी बार दास जी को देखने ना जा सकें। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि लोगों दास जैसा भाई दुनिया में नही हो सकता। इस मोके सुखबीर सिंह बादल, मनप्रीत सिंह बादल और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल व अन्य परिवारिक सदस्यों ने आगे बढक़र प्रकाश सिंह बादल को सांत्वना दी। अंतिम संस्कार के दौरान शव यात्रा को गांव बादल से ले जाते समय अर्थी को कंधा सुपुत्र मनप्रीत सिंह बादल और भतीजे सुखबीर सिंह बादल समेत अन्य रिश्तेदारों व अलग-अलग आगुओं ने दिया।
स्मरण रहे कि गुरदास सिंह बादल का दिल का दौरा पडऩे से बीती आधी रात को देहांत हो गया था और वह कुछ समय से बीमार चल रहे थे, जहां मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। गुरदास सिंह ाबदल इलाका लांबी से एसेम्बली के लिए 2012 में अपने बड़े भाई प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ लड़ चुके थे। हालांकि दोनों भाई ‘पॉश ’ (प्रकाश सिंह) और ‘दास’ (गुरदास) के मध्य आपसी निजी संबंध कायम रहे और दोनों भाई अकसर दुख-सुख की सांझ निभाते रहे। उनके सियासी विछोड़े से पहले लोगों ने उनको ‘पॉश ’ और ‘दास’ की जोड़ी कहा क्योंकि गुरदास अपने बड़े भाई के लिए प्रत्येक चुनाव में सारथी की भूमिका निभाते रहे है।
उधर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने गुरदास बादल की मौत पर दुख प्रकट करते कहा कि वाहेगुरू बादल परिवार को इस मुश्किल की घड़ी से निकलने के लिए बल बख्शें। स्मरण रहे कि एक माह पहले ही गुरदास बादल की पत्नी हरमिंदर कौर का देहांत हुआ था, जिस कारण वह काफी सदमे में थे।
– सुनीलराय कामरेड