लुधियाना : पंजाब की सियासत में आज उस वक्त बड़ा धमाका हुआ जब राज्यसभा के सदस्य और वरिष्ठ टकसाली अकाली नेता सुखदेव सिंह ढींडसा को शिरोमणि अकाली दल का प्रधान चुन लिया गया। प्रधान बनते ही बागी हुए अकाली नेताओं ने पार्टी प्रधान और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को प्रधानगी से हटाने का दावा किया। हालांकि दूसरी तरफ ढींडसा के के सुपुत्र और पूर्व केबिनेट मंत्री परमिंद्र ढींडसा ने स्वयं ही मान लिया कि अगर शिरोमणि अकाली दल के दावे पर कोई अड़चन आई तो वह शिरोमणि अकाली दल के साथ डेमोक्रेटिक शब्द का इस्तेमाल भविष्य में कर सकते है। हालांकि दूसरी तरफ बादल समर्थकों का कहना है कि जो कुछ भी नाटक लुधियाना में आज हुआ, वह षडयंत्र के तहत गैर कानूनी और जालसाजी है।
सूबे में कोरोना वायरस को लेकर सरकारी हिदायतों के बावजूद भारी संख्या में आज नीली-पीली पगड़ीधारी अकाली और विशेषकर युवा समर्थक लुधियाना के मॉडल टाउन स्थित एक धार्मिक स्थल पर पहुंचे और बोले सो निहाल.. के जयकारों के बीच ढींडसा को खुला समर्थन देने की धोषणा के बीच जिम्मेदारी सौप दी। इस अवसर पर गदगद होते गंभीरता के साथ सुखदेव सिंह ढींढसा ने कहा कि उनकी पार्टी अकाली सिद्धांतों पर चलेगी। जबकि बादलों का शिरोमणि अकाली दल 23 फरवरी, 2020 को ही खत्म हो गया था। उन्होंने भाषण के दौरान बादलों से अलग होने का कारण बताया कि कैसे हालात बन गए थे। वहीं पर उन्होंने पार्टी के विचारों का खुलासा किया जिन मुद्दों को लेकर पार्टी लोगों के बीच जाएगी। सीनियर नेता परमिंदर सिंह ढींडसा ने कहा कि यह पार्टी बदलाव की राजनीति देगी। पंजाब को बचाने की जरूरत है। वह सभी अकाली सिद्धांतों पर चलने वाले संगठनों का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने अकाली दल और कांग्रेस को भी जमकर निशाने पर लिया।
वहीं सीनियर नेताओं बलवंत सिंह रामूवालिया और मनजीत सिंह जीके ने भी नए शिरोमणि अकाली दल के गठन का समर्थन करते हुए कहा कि यह पंजाब की राजनीति में बदलाव लाएगी और लोगों को एक नया मंच प्रदान करेगी। मनजीत सिंह जीके ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के आगामी चुनावों में बादलों के सफाई का ऐलान भी किया। इस दौरान उन्होंने अकाली दल और पार्टी के प्रधान सुखबीर सिंह बादल को भी जमकर कोसा।
इन नेताओं ने कहा कि जल्द ही श्री अकाल तख्त साहिब में सभी अकाली को इकट्ठा करके पार्टी का नया एजेंडा में तय किया जाएगा स्मरण रहे कि कुछ वक्त पहले ढीढसा के इलाके संगरूर में उन्हें और उनके बेटे परमिंदर सिंह ढींढसा को पहले से ही सुखबीर सिंह बादल ने शिरोमणि अकाली दल (बादल) से निकाला है। ऐसे में जानकारों का कहना है कि सुखबीर सिंह बादल को शिअद के अध्यक्ष पद से हटाने का उनका ऐलान मायने नहीं रखता है। जबकि बागी अकाली नेताओं का यह सियासी पेंतरा है।
– सुनीलराय कामरेड