लुधियाना : हाल ही में बाबा शेख फरीद आगमन पर्व के उपलक्ष्य में फरीदकोट स्थित यूनिवर्सिटी के सेनेट हाल में 15वां शेख बाबा फरीद कवि दरबार लिटरेरी फोर्म की तरफ से पंजाबी साहित्य अकादमी चंडीगढ़ के सांझे सहयोग के साथ करवाए गए एक विशेष कार्यक्रम के दौरान पंजाब के कवि साहित्यकार और गीतकार प्रो. गुरभजन सिंह गिल को शेख फरीद कविता पुरस्कार 2019 के साथ सम्मानित किया गया।
प्रो. गुरभजन सिंह गिल पंजाबी साहित्य, कला, सभ्याचार और खेल क्षेत्र की जानी-पहचानी वह शख्सियत है, जिसे कुदरत ने अनेको रूकावटों के बीच स्वयं उकेरा है या यूं कहा जाएं कि प्रो. गुरभजन गिल की शायरी, इतिहासिक प्रसंगों और पंजाबियत का प्रतिनिधित्व करती है यह उनकी काव्य पुस्तिका शीशा झूठ बोलता है, 1978 में प्रकाशित हुई और अभी उनकी एक और पुस्तिका धरती नाव प्रकाशित हुई है।
प्रो. गिल ने 3 दर्जन से अधिक गीत लिखे है, जो अलग-अलग प्रतिष्ठित गायकों द्वारा गाए गए है। प्रो. गिल के करीबी लोग अकसर उन्हें गूगल गिल के नाम से पुकारते है। उनके मुताबिक सूचना टेक्रोलॉजी के वर्तमान दौर में गुरभजन गिल ऐसी हस्ती है, जिनके पास प्रत्येक विषय पर हर प्रकार की जानकारी मिल सकती है और उनपर यकीन रखा जा सकता है। गुरभजन गिल का रहनसहन, कहना और करना एक समान है। उनकी लेखनी ने हमेशा ही पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत का ध्वज उठाया है और इनका जन्म गुरदासपुर की तहसील डेरा बाबा नानक से संबंधित गांव बसंतकोट में 1953 के दौरान हुआ था।
प्रो. गिल ने उपलब्धियों की प्राप्ति के दौरान कहा कि फरीदकोट में बाबा शेख फरीद पुरस्कार हासिल करना उनके लिए सम्मान की बात है। उन्होंने यह भी कहा कि अब तक मिले तमाम सम्मानों में शायद वह बात नहीं जो बाबा शेख फरीद पुरस्कार हासिल करके मिला है। बहरहाल पंजाब के साहित्यकारो,ं लेखकों और प्रमुख हस्तियों की तरफ से उन्हें बधाईयां देने का तांता लगा हुआ है।
– सुनीलराय कामरेड