BREAKING NEWS

आज का राशिफल (23 मार्च 2023)◾राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कुमार मंगलम बिरला, एसएम कृष्णा समेत इन दिग्गजों को पद्म पुरस्कार से नवाजा, देखें लिस्ट ◾मुकेश अंबानी सबसे अमीर भारतीय, गौतम अडाणी अरबपतियों की लिस्ट में 23वें स्थान पर खिसके◾भारत के कड़े रूख के बाद हरकत में आई ब्रिटेन सरकार, भारतीय उच्चायोग के बाहर बढ़ाई गई सुरक्षा ◾कर्नाटक में भाजपा को बड़ा झटका, पूर्व मंत्री बाबूराव चिंचानसुर ने थामा कांग्रेस का दामन ◾सेना में जेएजी पद पर भर्ती के लिए विवाहितों को अपात्र घोषित करना तर्कपूर्ण: केन्द्र ने कोर्ट से कहा◾दिल्ली में फिर हिली धरती, रिक्टर स्केल पर 2.7 मापी गई तीव्रता ◾झारखंड विधानसभा में BJP नेता ने कुर्ता फाड़ा, CM हेमंत सोरेन ने कहा भाजपाइयों ने सदन की गरिमा तार-तार कर दी◾Gang-rape Case: बिलकिस बानो के दोषियों को सुप्रीम झटका, समयपूर्व रिहाई के खिलाफ की जाएगी सुनवाई ◾ अयोध्या में श्री राम मंदिर के सपरिवार करूंगा दर्शन - शिवपाल यादव◾‘आप विदेश नहीं, अपने पूर्वजों के घर आए हैं’, दक्षिण कोरिया के भिक्षुओं से बोले CM योगी ◾मध्यप्रदेश में बर्बाद हुई फसल को बनाया जा रहा है सियासी मुद्दा, किसानों को बुरा हाल ◾नीतीश कुमार को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले आरोपी को गुजरात से किया गया गिरफ्तार ◾नाना की मौत पर Vlog बनाना यूट्यूबर को पड़ा भारी, भड़के लोगों ने कहा- ये तो हद हो गई◾पाकिस्तान: इमरान खान की PTI पर लटकी तलवार, शरीफ सरकार लगा सकती है बैन ◾अखिलेश ने यूपी सरकार पर आरिफ से सारस छीनने का लगाया आरोप ◾अलर्ट! कोरोना की वापसी से घबराई सरकार, PM मोदी करेंगे उच्चस्तरीय बैठक ◾कोरोना की वापसी! केरल में 172 नए मामले सामने आए, सरकार ने सभी जिलों को किया अलर्ट ◾CM योगी ने कहा- मिशन शक्ति कार्यक्रम बना मिसाल,अनेक राज्यों में भी मिली मान्यता ◾PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा- भारत ने सबसे तेज गति से 5-G मोबाइल प्रौद्योगिकी शुरू की ◾

75 साल बाद दो परिवारों का मिलाप, करतारपुर साहिब में 92 वर्षीय बुजुर्ग पाकिस्तान में रहने वाले अपने भतीजे से मिलेंगे

जब से भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ है तब से लेकर दोनों देशों के लाखों लोग एक दूसरे से बिछड़ गए थे। दो देशों की दूरियों ने कई लोगों को उनके परिवार से दूर कर दिया। इसी बीच पंजाब के रहने वाले 92 वर्षीय बुजुर्ग पाकिस्तान में रहने वाले अपने भतीजे से सोमवार को मिलेंगे। बंटवारे के वक्त बिछड़ जाने के 75 साल बाद दोनों की मुलाकात हो रही है। उस समय हो रहे सांप्रदायिक दंगों में उनके कई रिश्तेदार भी मारे गए थे।

 करतारपुर साहिब ने खोले द्वार 

सरवन सिंह अपने भाई के बेटे मोहन सिंह से ऐतिहासिक गुरद्वारे करतारपुर साहिब में मिलेंगे। अब पाकिस्तान में स्थित करतारपुर में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अंतिम समय बिताया था।सरवन सिंह के नवासे परविंदर ने पीटीआई-भाषा को फोन पर बताया, “ नानाजी आज बहुत खुश हैं, क्योंकि वह करतारपुर साहिब में अपने भतीजे से मिलने जा रहे हैं।”

परविंदर ने बताया कि विभाजन के समय मोहन सिंह छह साल के थे और वह अब मुस्लिम हैं, क्योंकि पाकिस्तान में एक मुस्लिम परिवार ने उन्हें पाला-पोसा था। दोनों रिश्तेदारों के 75 साल बाद मिलने में भारत और पाकिस्तान के दो यूट्यूबर ने अहम भूमिका निभाई है।

यूट्यूब वीडियो ने मिलाया 

जंडियाला के यूट्यूबर ने विभाजन से संबंधित कई कहानियों का दस्तावेज़ीकरण किया है और कुछ महीने पहले उन्होंने सरवन सिंह से मुलाकात की और उनकी जिंदगी की कहानी अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट की। सीमापार, एक पाकिस्तानी ट्यूबर ने मोहन सिंह की कहानी बयां की जो बंटवारे के वक्त अपने परिवार से बिछड़ गए थे। संयोग से, ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले पंजाबी मूल के एक शख्स ने दोनों वीडियो देखे और रिश्तेदारों को मिलाने में मदद की। एक वीडियो में सरवन ने बताया कि उनके बिछड़ गए भतीजे के एक हाथ में दो अंगूठे थे और एक जांघ पर बड़ा सा तिल था। परविंदर ने बताया कि पाकिस्तानी यूट्यूबर की ओर से पोस्ट किए गए वीडियो में मोहन के बारे में भी ऐसी ही चीज़े साझा की गईं।

बाद में ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले शख्स ने सीमा के दोनों ओर दोनों परिवारों से संपर्क किया। परविंदर ने कहा कि नानाजी ने मोहन को उनके चिन्हों के जरिए पहचान लिया।सरवन का परिवार गांव चक 37 में रहा करता था जो अब पाकिस्तान में है और उनके विस्तारित परिवार के 22 सदस्य विभाजन के समय हिंसा में मारे गए थे। सरवन और उनके परिवार के सदस्य भारत आने में कामयाब रहे थे। मोहन सिंह हिंसा से तो बच गए थे लेकिन परिवार से बिछड़ गए थे और बाद में पाकिस्तान में एक मुस्लिम परिवार ने उन्हें पाला पोसा।सरवन अपने बेटे के साथ कनाडा में रहते हैं, लेकिन कोविड-19 के कारण वह जालंधर के पास सांधमां गांव में अपनी बेटी के यहां फंसे हुए हैं। परविंदर ने कहा कि उनकी मां रछपाल कौर भी सरवन के साथ करतारपुर गुरुद्वारा गई हैं।