लुधियाना-अमृतसर : पंजाब में 2015 के दौरान चब्बे की पावन धरती पर हुए सरबत खालसा के जत्थेदार भाई ध्यान सिंह मंड आज सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब और मीरी-पीरी के पातशाह श्री अकाल तख्त साहिब पर नतमस्तक हुए। इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि ऊंचे पदों पर बने हुए लोग सिख धर्म को नीचा दिखाना चाहते है। तख्त श्री पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह द्वारा 5 अगस्त को रामजन्म भूमि पूजन के अवसर पर सिख धर्म का निरादर किए जाने के आरोपों के बीच 5 सिंह साहिबान द्वारा ज्ञानी इकबाल सिंह को आदेश दिए है कि वह 20 अगस्त तक श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर अपना पक्ष स्पष्ट करें।
उन्होंने यह भी कहा कि दूसरी तरफ प्रधानमंत्री और उस दौरान बैठे गैर सिख व्यक्तियों द्वारा सिख पंथ की उल्लंघना करने पर 5 सिंह साहिबान की रोशनी के अंदर 15 दिनों के अंदर-अंदर अपनी-अपनी स्थिति स्पष्ट करें। इसी के साथ ही पंजाब के पावन गुरूद्वारा साहिब से 267 स्वरूपों के मामले में जत्थेदार भाई ध्यान सिंह मंड ने कहा कि यह बहुत दुखदाई घटना है, इस बारे में शिरोमणि कमेटी स्पष्ट करें कि आखिर इतनी बड़ी मात्रा में स्परूप कैसे गायब हुए। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी को चाहिए कि वह जनरल इजलास बुलाकर सिख कोम और पंथ के सामने स्वरूपों के बारे में स्थिति स्पष्ट करें।
स्मरण रहे कि 2016 में 14 स्वरूपों को लगी आग की रिपोर्ट और आडिट हुई रिपोर्ट शंका के घेरे में है। जबकि पटियाला के गांव कलियान में गुरूद्वारा अरदासपुरा साहिब से गायब हुए 100 साल पुराने श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूपों का मामला भी सुलझने का नाम नहीं ले रहा।
– सुनीलराय कामरेड