बीते गुरूवार 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 44 जवानों के शहीद होने पर पूरा देश गमगीन है और इन्ही शहीद जवानों में से एक थे रोपड़ के गांव रौली के निवासी शहीद कुलविंदर सिंह जिनका शव बीते दिन उनके गांव पहुंचा।
जब शहीद का शव उनके घर लाया जा रहा था और उनका पूरा गांव इस मौके पर मौजूद था और उनके पार्थिव शरीर पर फूलों की बारिश की जा रही थी। एक तरफ जहाँ देश के लिए कुर्बान हुए शहीद के लिए गम था वहीँ इस बात का गर्व भी की ये शहादत हमेशा याद की जाएगी।
आपको बता दें शहीद कुलविंदर सिंह की आठ नवंबर में शादी होनी थी और ढाई साल पहले शहीद कुलविंदर की मंगनी गांव लोदीपुर वासी अमनदीप कौर से हुई थी। सहीद के शव के साथ विवाह के दौरान की जाने वाली रस्म निभाई गयी। सेहरा और कलगी रखी गई जिसके बाद हर किसी के आंसू छलक आये।
शहीद कुलविंदर की मंगेतर अमनदीप कौर अंतिम विदाई देने के लिए पहुंची थी इस मौके पर वो इतना दुखी थी की कई बार बेहोश हुई। परिजनों ने सहारा देकर उसे गुरुद्वारा साहिब से घर तक पहुंचाया। अंतिम संस्कार के बाद जब परिजन घर वापस आये तो किसी के भी आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।
शहीद कुलविंदर के पिता दर्शन सिंह ने बताया जब कुलविंदर घर आया था तो अपनी शादी के लिए बैंड बाजे और गाड़ियां तक बुक करके गया था। अब वो कभी लौट कर नहीं आएगा और वही परिवार का सबसे बड़ा सहारा था।
शहीद के पिता ने सरकार से रोष जताते हुए कहा की और भी बेटे देश की सेवा कर रहे हैं पर सरकार ने उनके हाथ बांधे हुए हैं। जवानों को आतंकियों के खिलाफ पूरी छूट मिलनी चाहिए।
आपको बता दें कुलविंदर सिंह 92 बटालियन में कांस्टेबल था। 92 बटालियन की बस खराब होने के कारण इस बस में बैठे जवानों को पांच-पांच कर अन्य बसों में बिठाया गया था। शहीद के परिवार को उम्मीद है की सरकार उनकी सहायता करेगी ताकि उनकी मदद हो सके।