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शिरोमणि कमेटी ने किरन बाला मामले में पिछली गलतियों से नहीं लिया सबक

इस्लाम कबूल करने के मामले के बाद शेर-ए-पंजाब महाराजा रंजीत सिंह की बरसी के अवसर पर एसजीपीसी के अधिकारियों द्वारा भेजे गए 86 सिख श्रद्धालु

लुधियाना- अमृतसर : होशियारपुर की किरन बाला के पाकिस्तान जाकर इस्लाम कबूल करने के मामले के बाद शेर-ए-पंजाब महाराजा रंजीत सिंह की बरसी के अवसर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अधिकारियों द्वारा भेजे गए 86 सिख श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ एक बार फिर दो अकेली महिलाओं को पाकिस्तान भेजने की कोशिश की गई। पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारियों ने जांच के बाद इन महिलाओं को वीजा नहीं जारी किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसजीपीसी के अधिकारी इसे छुपाने में लगे हुए हैं, लेकिन इसकी रिपोर्ट एसजीपीसी के यात्रा विभाग ने एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल के पास पहुंचा दी है।

पाक में गायब होने और निकाह करने से नहीं लिया सबक
स्मरण रहे कि इसी साल वैशाखी पर सिख जत्थे के साथ पाकिस्तान गई होशियारपुर की महिला किरणबाला गायब हो गई थी। बाद में पता चला था कि उसने पाकिस्तान में धर्म बदल कर मुस्लिम युवक से निकाह कर लिया है। वह अब तक भारत नहीं लौटी है। इस घटना के बाद भी एसजीपीसी ने लगता है कि कोई सबक नहीं लिया है।

पाक उच्चायोग ने जांच के बाद नहीं जारी किया अकेली महिलाओं को वीजा
एसजीपीसी अध्यक्ष ने किरणबाला मामला सामने आने के बाद कहा था कि भविष्य में किसी भी अकेली महिला और अकेले युवा को जत्थे के साथ पाकिस्तान नहीं भेजा जाएगा। इस घटना के बाद एसजीपीसी के अधिकारियों और यात्रा विभाग की कार्यप्रणाली पर सुरक्षा व गुप्तचर एजेंसियों ने पैनी नजर रखनी शुरू कर दी है।

एसजीपीसी के सूत्रों से सामने आया है कि एसजीपीसी के एक मेंबर की सिफारिश से दो अकेली महिलाओं को जत्थे के साथ भेजने और पाकिस्तान का वीजा लगवाने के लिए ऑफिस नोट लिख कर भेजा गया। जांच के दौरान पाकिस्तान उच्चायोग ने इन नामों को संदिग्ध पाया और वीजा देने से इन्कार कर दिया। जब वीजा की प्रक्रिया शुरू हुई तो एसजीपीसी ने चार वीजा ज्यादा मांगे जो पाकिस्तान उच्चायोग ने 82 वीजा की सूची के साथ जारी कर दिए, लेकिन अकेली दो महिलाओं का वीजा नहीं जारी किया।

जानकारी देने से किया इन्कार
एसजीपीसी के यात्रा विभाग के एडिशनल सेक्रेटरी सुखदेव सिंह भूरा कोहना ने इस संबंध में कोई भी जानकारी देने से इन्कार कर दिया। विभाग के उप सचिव निशान सिंह ने कहा कि उनकी ओर से इस मामले की रिपोर्ट एसजीपीसी के अध्यक्ष तक पहुंचाने के लिए उनके निजी सचिव जगजीत सिंह को सौंप दी गई है। इससे अधिक वह कुछ भी नहीं बता सकते।

21 जून को रवाना हुआ है जत्था
एसजीपीसी का जत्था 21 जून को पाक के लिए रवाना हुआ है। इस बार जत्थे का नेतृत्व करने के लिए कोई भी एसजीपीसी का सदस्य तैयार नहीं हुआ, जबकि हमेशा ही एसजीपीसी के किसी सदस्य के नेतृत्व में ही जत्था पाक जाता है। इस बार धर्म प्रचार विंग के सचिव बलविंदर सिंह के नेतृत्व में एसजीपीसी ने जत्थे को रवाना किया।

– सुनीलराय कामरेड

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