चंडीगढ़ में गुरुवार को बढ़ती महंगाई को लेकर पंजाब कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान एक मौका ऐसा आया कि जब पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को बीच में ही अपना भाषण छोड़कर जाना पड़ा। भाषण के दौरान खुद को ईमानदार बता रहे सिद्धू पर ब्रिंदर सिंह ढिल्लों का गुस्सा फूट गया।
सिद्धू ने भाषण में इशारों-इशारों में कहा कि, "मैंने किसी का नाम नहीं लिया और न ही ऐसा करूंगा। 'क्योंकी ये जनता जो है सब जनती है।'" उन्होंने कहा कि अगर कोई अपना खुद का खजाना भरता है, तो इससे किसी का भला नहीं होगा। उन्होंने कहा, "आप कितने भी संबोधन क्यों ने दें, कुछ भी नहीं होगा। अगर किसी कांग्रेस कार्यकर्ता के खिलाफ कोई "झूठी" प्राथमिकी दर्ज की जाती है तो वह स्टैंड लेने वाले पहले व्यक्ति होंगे।"
उन्होंने कहा, "लेकिन अगर किसी के घर से पैसे बरामद होते हैं, तो मैं उसके साथ खड़ा नहीं रहूंगा। क्योंकी चोरन नाल नहीं खड़ना (चोरों के साथ नहीं खड़ा होना है।) मैं किसी पर उंगली नहीं उठाऊंगा। मेरे खिलाफ सौ लोगों ने बात की होगी लेकिन सिद्धू ने कभी किसी कांग्रेस कार्यकर्ता के खिलाफ नहीं बोला।"
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इसी दौरान ढिल्लों ने खड़े होकर सिद्धू को टोक दिया। उन्होंने कहा, "सिद्धू साहब, आप जो कर रहे हैं वह गलत है। नाम क्यों नहीं लोगे, क्यों नहीं नाम लाओगे?" उन्होंने सिद्धू से उन लोगों का नाम लेने का अनुरोध किया, जो उन्हें लगता है कि भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उन्होंने कहा, "अगर कुछ गलत है तो उसे बताओ, और अगर कुछ सही है तो वह भी कहो।"
ढिल्लों ने सिद्धू से कहा कि यदि वह नाम नहीं लेंगे तो इसका मतलब होगा कि वह केवल "नाटक" कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "फिर तुसी ड्रामा कर रहे हो।" अपने पार्टी कार्यकर्ता के गुस्से ने सिद्धू को अपना संबोधन बीच में बंद करने के लिए विवश कर दिया। बाद में, ढिल्लों ने एक ट्वीट के माध्यम से पार्टी में एकता की अपील की और स्पष्ट किया कि उनका गुस्सा किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं था।