लुधियाना-अमृतसर : पंजाब के पूर्व कांग्रेसी कैबिनेट मंत्री और अपने समय के मंझे हुए क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर और सूबे के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को एक खत लिखकर सियासी तौर पर श्री गुरू नानक देव जी की कर्म भूमि श्री करतारपुर साहिब-पाकिस्तान में होने जा रहे 550वें गुरू पर्व पर जाने की सियासी अनुमति मांगी है। श्री करतारपुर साहिब की पावन धरती पर गुरू नानक देव जी ने अपनी बेहतरीन जिंदगी के 18 साल तक का लम्बा सफर व्यतीत किया था।
खत में नवजोत सिंह सिद्धू ने स्वयं को निमाने (साधारण) सिख की भांति पावन स्थल पर माथा टेकने और गुरू घर की दहलीज चूमने की ख्वाहिश जाहिर करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने हुकमरानों को स्पष्ट किया कि पड़ोसी मुलक की तरफ से उन्हें करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में बुलाने का पाकिस्तान की ओर से न्योता मिला है। सिद्धू ने इस समारोह में शिकरत करने का फैसला करते हुए पॉलीटिकल क्लीयरेंस के लिए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से जहां इजाजत मांगी है, वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से भी अनुमति लेने के लिए पत्र लिखा है।
सियासी विशेषज्ञों के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू ने देश के नेताओं से अनुमति पत्र के जरिए पाकिस्तान जाने की इजाजत मांगकर तीर निशाने पर मारा है। अगर उन्हें करतारपुर साहिब समागम में जाने की अनुमति मिली तो उस समारोह के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू पाक प्रधानमंत्री इमरान खां के विशेष मेहमान के तौर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लांघे का हीरो बन सकते है, अगर उन्हें उधर जाने की इजाजत ना दी गई तो विरोध मानसिकता में फिर भी नायक बनेंगे।
साफ है कि विदेश मंत्रालय ने सियासी इजाजत मांगने की जो बात कही है, उसको छिपाया भी जा सकता था। हुकमरानों ने सिद्धू की कोर्ट में जो बॉल फेंकी, उसपर सिद्धू ने मंझे हुए सियासी खिलाड़ी की तरह हमलावर होते हुए छक्का मारते हुए सिद्ध कर दिया कि सिद्धू तो सिद्धू है। चौबीसों घंटे निरंतर बोलने वाले सिद्धू ने 6 माह के समय अवधि के दोरान सियासी चुप्पी साध रखी थी, बहरहाल आज एक बार फिर वह सुर्खियों में है।
कैप्टन अमरेंद्र सिंह से छतीस का आंकड़ा रखने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने एक खत के जरिए कैप्टन अमरेंद्र ङ्क्षसह से अनुमति मांगी है, जिसमें मानयोग मुख्यमंत्री कहते हुए अपने संयम का परिचय दिया है।
उधर नवजोत सिंह सिद्धू की सियासी सलाहकार के तौर पर फैसले लेने वाली उनकी धर्मपत्नी डॉ नवजोत कौर सिद्धू ने स्पष्ट करते हुए कहा कि अगर सिद्धू को गुरू घर में जाने की मंजूरी मिल जाती है तो वह यकीनी तौर पर पाकिस्तान जाएंगे।
स्मरण रहे कि 9 नवंबर को पाकिस्तान में करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान की तरफ से किया जाना है, जबकि भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले जत्थे को रवाना करेंगे। हालांकि इस जत्थे की अगुवाई कैप्टन अमरिंदर सिंह कर रहे हैं और उनके जत्थे में सभी विधायक, सांसद, देश के अन्य गणमान्य व्यक्ति और पत्रकार शामिल हैं, लेकिन नवजोत सिद्धू ने इस जत्थे में शामिल होकर करतारपुर साहब जाने की बजाय पाकिस्तान की ओर से करवाए जा रहे समारोह में शामिल होने का फैसला किया है।
नवजोत सिद्धू को 2 दिन पहले पाकिस्तान कि सत्तारूढ़ पार्टी तहरीक ए इंसाफ की ओर से निमंत्रित किया गया था। सिद्धू ने इसके लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हुए समारोह में शामिल होने के लिए अपनी सहमति दे दी थी। इधर, विदेश मंत्रालय का कहना था कि किसी भी पाकिस्तानी मेहमान के लिए भारत की और से पॉलीटिकल क्लीयरेंस लेनी जरूरी है।
इससे पूर्व सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने कहा कि उनके पति को करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए पाक पीएम इमरान खान के कार्यालय से विशेष निमंत्रण मिला है। पाक जाने के लिए सिद्धू ने आवश्यक मंजूरी के लिए आवेदन किया है। यदि उन्हेंं आवश्यक मंजूरी और अनुमति मिल जाती है तो वह निश्चित रूप से पाक जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि अक्सर सुर्खियों में छाए रहने वाले सिद्धू अभी तक खुद खामोश थे। पंजाब कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद सोशल मीडिया पर भी वह शांत हैं। यहां तक कि हरियाणा व महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनावों में भी वह पूरी तरह से कटे रहे। अब अचानक करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह को लेकर सिद्धू एक बार फिर चर्चाओं में आ गए हैं।
– सुनीलराय कामरेड