लुधियाना-अमृतसर : सन 1984 में गुरू की नगरी में स्थित श्री हरिमंदिर साहिब और श्री अकाल तख्त साहिब पर हुए सैनिक हमले के रोष स्वरूप तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कत्ल के दोष में 6 जनवरी 1989 को न्यायपालिका द्वारा फांसी का फंदा हासिल करने वाले सिख शहीद भाई सतवंत सिंह और भाई केहर सिंह का 30वां शहीदी दिवस आज हर साल की तरह पंथक रीति-रिवाजों के साथ श्री हरिमंदिर साहिब समूह में स्थित गुरूद्वारा झंडे-बुगे साहिब में मनाया गया।
शिरोमणि कमेटी द्वारा इस संबंध में करवाएं गए श्री अखंड पाठ साहिब क े भोग उपरांत हजूरी रागी जत्थों द्वारा गुरबाणी का शब्द कीर्तन भी किया गया। इस अवसर पर हरिमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी मान सिंह द्वारा शहीद भाई सतवंत सिंह की माता प्यार कौर और भाई को भी सिरौपा देकर सम्मानित किया गया। 4 जनवरी को रखे गए अखंड पाठ साहिब के भोग उपरांत श्री दरबार साहिब के ग्रंथी भाई मान सिंह ने भाई सतवंत सिंह और भाई केहर सिंह की शहादत को कौम की शहादत बताते हुए सतवंत सिंह की मां प्यार कौर और भाई वरियाम सिंह को सिरौपा देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर माता प्यार कौर ने कहा कि उन्हें अपने बेटे की कुर्बानी पर गर्व है। जिसने पुरानी पंथक परंपराओं को कायम रखते हुए आप्रेशन ब्लू स्टार के दोषीयों से बदला लिया। उन्होंने कहा कि पंथ के साथ जो कोई भी द्रोह अपनाएंगा, उसको सौधने के लिए भविष्य में ऐसे ही सूरमें पैदा होते रहेंगे। इस मौके पर भाई मंजीत सिंह, दल खालसा के परमजीत सिंह टांडा, जरनैल सिंह सखीरा सचिव मंजीत सिंह और दरबार साहिब के मैनेजर सुलखन सिंह बंगाली समेत अन्य सिख संगत भी उपस्थित थी।
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– सुनीलराय कामरेड