लुधियाना-अमृतसर : ‘दाल-रोटी घर की, दीवाली अमृतसर की’ प्राचीन लोक कहावत के मुताबिक सिख पंथ में गुरू की नगरी अमृतसर की दीवाली सदियों से प्रसिद्ध रही है और इस बार भी सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब में मनाए जाने वाले बंदी छोड़ दिवस- दीवाली के अवसर पर संगत को प्रदूषण मुक्त ग्रीन दीवाली मनाने की प्रेरणा दी जाएंगी।
शिरोमणि कमेटी के मुख्य सचिव डॉ रूप सिंह ने बातचीत के दौरान बताया कि सिख संगत और समूह संसार को प्रदूषण की रोकथाम में योगदान डालने की प्रेरणा देने के लिए इस बार दीवाली पर हरिमंदिर साहिब परिक्रमा में बड़े-बड़े आकारों के गमलों में आमों के 16 पौधे लगाए गए है।
उन्होंने बताया कि सदियों से चली आ रही पुरानी रिवायतों के मुताबिक श्री हरिमंदिर साहिब समूह में दीवाली की रात को रहिरास साहिब के पाठ के भोग उपरांत चलाई जाने वाली आतिशबाजी का कुछ वक्त कम किया जा रहा है और मुंबई व अहमदाबाद से हवा में आवाज प्रदूषण कम फैलाने वाले आतिशबाजी चलाई जाएंगी।
उन्होंने कहा इस आतिशबाजी की विशेषता यह है कि जहां आवाज का शोर कम होगा वही आसमान में काफी ऊंची जाकर रंग बिखरेंगे। उन्होंने कहा कि राम दास जी के प्रकाश पर्व की तरह इस बार भी संगत को इलेक्ट्रानिक दीप माला के साथ-साथ देसी घी के दीयों वाली दीपमाला करने की प्रेरणा दी जा रही है, ताकि वातावरण प्रदूषित होने के स्थान पर सुगंधित हो। उन्होंने सिख संगत को दीवाली के अवसर पर अपने-अपने इलाकों में पेड़- पौधे लगाने की अपील की।
आज सचखंड श्री दरबार साहिब की परिक्रमा में शिरोमणि कमेटी द्वारा बड़े-बड़े गमलों के अंदर आमों के पौधे लगाकर वातावरण को शुद्ध रखने का संदेश दिया गया। इस अवसर पर सिंह साहिब ज्ञानी जगतार सिंह, मुख्य सचिव डॉ रूप सिंह, सचिव मंजीत सिंह और प्रबंधक दरबार साहिब जसविंद्र सिंह दीनपुर के अतिरिक्त कार सेवा वाले बाबे व प्रमुख शख्सियतों समेत संगत उपस्थित थी।
– सुनीलराय कामरेड