पंजाब में धान की पराली जलाने की घटनाएं पांच नवंबर को चार नवंबर की तुलना में 16 प्रतिशत बढ़कर 2,817 हो गईं।केंद्र सरकार की किसानों से फसल अवशेष प्रबंधन के लिए पूसा बायो-डीकंपोजर और अन्य मशीनों का उपयोग करने की अपील के बीच राज्य में पराली जलने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
दिल्ली में पराली जलाने की नौ घटनाएं दर्ज
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की तरफ से जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, पांच नवंबर को मध्य प्रदेश में पराली जलाने के 319 मामले, राजस्थान में 91, हरियाणा में 90, उत्तर प्रदेश में 24 घटनाओं की सूचना थी जबकि दिल्ली में ऐसी कोई घटना नहीं हुई।इस साल 15 सितंबर से 5 नवंबर के बीच अकेले पंजाब में पराली जलाने की कुल 29,400 घटनाओं का पता चला। इसके बाद हरियाणा में 2,530, मध्य प्रदेश में 2,246, उत्तर प्रदेश में 927, राजस्थान में 587 और दिल्ली में पराली जलाने की नौ घटनाएं दर्ज की गई।
पराली जलने की घटनाएं वायु प्रदूषण का बड़ा कारण
गौरतलब है कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलने की घटनाएं दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का बड़ा कारण बनी हुई है, विशेष रूप से राष्ट्रीय राजधानी समेत उत्तर भारत में।केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पिछले सप्ताह पड़ोसी राज्य सरकारों और किसानों से धान की फसल के अवशेष यानी पराली के प्रबंधन के लिए उपलब्ध समाधानों का उपयोग करने की अपील की थी।