लुधियाना जिला अदालत में हुए ब्लास्ट मामले में कई अपडेट सामने आ रहे हैं। घटना में मारे गए संदिग्ध पर ही बम को ऑपरेट करने का शक जताया गया है। लेकिन ब्लास्ट में उसके चिथड़े उड़ गए, जिसके चलते पहचान के तौर पर जांच एजेंसियो को सिर्फ टैटू मिला है। वहीं शक है कि ब्लास्ट के लिए हाई ग्रेड एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल किया गया है।
संदिग्ध मृतक के हाथ पर धार्मिक चिन्ह
गुरुवार को हुए ब्लास्ट में मारे गए शख्स का शव शौचालय से क्षत-विक्षत हालत में मिला। घटना की जांच करने पहुंची NSG की टीम एक शव बरामद किया। मृतक संदिग्ध को ही हमले का आरोपी माना जा रहा है। उस शव को टॉयलेट से निकाल लिया गया है। हालांकि, शव की पहचान के नाम पर हाथ पर एक धार्मिक चिन्ह का एक टैटू मिला है। कुछ मोबाइल के टुकड़े भी मिले हैं, जिसे फॉरेंसिंक लैब भेजा गया है।
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सूत्रों का कहना है कि फॉरेंसिंक और बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वाड टीम को शुरुआती जांच में पता चला है कि इस धमाके में हाई ग्रेड एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल हुआ है। हाई ग्रेड एक्सप्लोसिव आमतौर पर PETN या आरडीएक्स होता है।हालांकि, अभी लुधियाना ब्लास्ट में किसका इस्तेमाल हुआ यह जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
शुरुआती जांच में NSG और पंजाब पुलिस यही मानकर चल रही है कि इस धमाके में जो व्यक्ति मारा गया है, वही इसके पीछे हो सकता है। अंदेशा है कि युवक जब टॉयलेट में जब बम को असेंबल करने की कोशिश कर रहा होगा, तभी ये धमाका हो गया।
मृतक की पहचान होना बाकी
लुधियाना के पुलिस आयुक्त गुरप्रीत भुल्लर ने बताया कि विस्फोट मानव बम से किया गया हो सकता है। भुल्लर ने कहा, "हालांकि पुष्टि नहीं हुई है, जिस व्यक्ति का शव अंदर है और उसकी पहचान होनी बाकी है, वह या तो बम ले जा रहा था या वह घटनास्थल के बहुत करीब था। हम मामले की जांच कर रहे हैं।"