लुधियाना-अमृतसर : गुरूद्वारा श्री करतारपुर साहिब के लाघे को लेकर भारत और पाकिस्तान के तकनीकी अधिकारियों की विशेषज्ञों के साथ जीरो लाइन पर चौथी बार बातचीत हुई। यह बातचीत सुबह 11 बजे से शुरू होकर दोपहर 1 बजे खत्म हुई । इस दौरान बैठक में बीएसएफ समेत अन्य अलग-अलग विभागों के उच्च अधिकारी भी शामिल थे। जबकि मीटिंग के बाद पाकिस्तान के इलाके में अपने मुलक के समर्थन में नारेबाजी भी हुई। इस दौरान पाकिस्तानी राष्ट्र गीत भी गाया।
उधर पड़ोसी मुलक पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता डॉ मोहम्मद फैजल के मुताबिक करतारपुर साहिब लांघे को पूरा करने और उदघाटन के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री वचनबद्ध है। स्मरण रहे कि पाकिस्तान और भारत में तनाव के बीच लांघे के खुलने के संबंध में काफी अटकले चल रही है। 1947 में देश की आजादी के बाद यह लांघा दोनों पड़ोसी मुलकों में पहला वीजा मुक्त लांघा होंगा।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बावजूद दोनों देशों के अधिकारियों के बीच शुक्रवार को करतारपुर कॉरिडोर परियोजना पर साढ़े दस बजे के करीब बातचीत हुई। डेरा बाबा नानक स्थित भारत-पाक जीरो लाईन पर हुई यह बैठक करीब दो घंटे तक चली। बैठक में श्रद्धालुओं के आने-जाने, सुविधाओं और पाकिस्तान की तरफ अभी तक पुल का निर्माण न होने संबंधी विचार विमर्श किया गया। भारत ने पाकिस्तान से उसके क्षेत्र में पुल के निर्माण में तेजी लाने पर जोर दिया गया।
करतारपुर कॉरिडोर पर भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच यह चौथी बैठक थी। सूत्रों के मुताबिक अगले हफ्ते दोबारा भारत-पाक के बीच आटारी बार्डर पर बैठक हो सकती है। बैठक के लिए जीरो लाईन पर बीएसएफ की 10 बटालियन की ओर से टैंट लगाए गए थे। पाकिस्तान की तरफ भी पाक रेंजरों ने टैंट लगाकर अपने अधिकारियों के ठहरने का बंदोबस्त किया था।
बैठक में लैंड पोर्ट आर्थाटी आफ इंडिया के सीजीएम विशाल गुप्ता, विदेश मंत्रालय व होम मनिस्ट्री के एक-एक अधिकारी, लैंड पोर्ट आर्थाटी आफ इंडिया, इरीगेशन विभाग व बीएसएफ के अधिकारी इस बैठक में शामिल थे। सूत्रों ने बताया कि बैठक में श्रद्धालुओं के लिए सुविधा और पाकिस्तान की ओर पुल के निर्माण पर विचार विमर्श किया गया। सूत्रों ने बताया कि भारत-पाकिस्तान के अधिकारियों की अगले हफ्ते आटारी बार्डर पर बैठक होगी। इसमें करतारपुर कॉरिडोर पर विचार विमर्श किया जाएगा।
पाकिस्तान का कहना है कि करतारपुर साहिब गलियारे को पूरा करने को लेकर प्रतिबद्ध है। स्मरण रहें कि यह कॉरिडोर गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के मौके नवंबर में खोला जाना है। करतारपुर साहिब पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर भारत के गुरुदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक श्राइन से करीब चार किलोमीटर दूर है। गुरु नानक वहां 18 साल तक रहे थे। यह लाहौर से करीब 120 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में मौजूद है।
– सुनीलराय कामरेड