तीन नेताओं के इस्तीफों के बाद सिद्धू के साथ दिखाई एकजुटता
पंजाब में कांग्रेस पार्टी के आज दिन कुछ खास अच्छा नहीं रहा है। मानो जैसे इस्तीफे की झड़ी लग गयी । नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष पद छोड़े जाने के बाद इस्तीफों की झड़ी लग गई है। सिद्धू के साथ एकजुटता दिखाते हुए अब तक तीन नेता अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। इसमें सबसे ऊपर कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा देने वाली रजिया सुल्ताना के नाम है, जिन्होंने सिद्धू के राज्य कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा देने के कुछ ही घंटों बाद पंजाब के कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। इसके अलावा गुलजार इंदर चहल ने पंजाब कांग्रेस के कोषाध्यक्ष पद से और योगिंदर ढींगरा ने पंजाब कांग्रेस के महासचिव पद से इस्तीफा दिया है। सुल्ताना को सिद्धू का काफी करीबी माना जाता है।
गौतम सेठ ने भी दिया इस्तीफा
नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद गौतम सेठ ने पंजाब कांग्रेस के महासचिव (प्रभारी प्रशिक्षण) के पद से इस्तीफा दे दिया।
खैरा ने किया इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध
विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब में भ्रष्टाचार के खिलाफ स्टैंड लिया था। अगर उनके सुझावों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे निशब्द अध्यक्ष नहीं बनना चाहेंगे। हम उनसे इस्तीफा वापस लेने और उनकी शिकायतों के निवारण के लिए आलाकमान से अनुरोध करते हैं।
सिद्धू का इस्तीफा अस्वीकार
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। शीर्ष नेतृत्व ने राज्य नेतृत्व से पहले अपने स्तर पर मामले को सुलझाने को कहा है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी।
योगिंदर ढींगरा ने भी महासचिव पद छोड़ा
योगिंदर ढींगरा ने नवजोत सिंह सिद्धू के प्रित एकजुटता दिखाते हुए पंजाब कांग्रेस के महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया। सिद्धू और मंत्री रजिया सुल्ताना व पार्टी के कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल के बाद पद छोड़ने वाले ढींगरा तीसरे कांग्रेस नेता हैं।
सिद्धू के समर्थन में रजिया सुल्ताना ने दिया इस्तीफा
पंजाब की कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना ने भी मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। रजिया सुल्ताना ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू सिद्धांतों वाले आदमी हैं। वह पंजाब और पंजाबियत के लिए लड़ रहे हैं। रजिया सुल्ताना के पति पूर्व आईपीएस मोहम्मद मुस्तफा नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार हैं।
पंजाब के भविष्य से समझौता नहीं कर सकता
मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम संबोधित त्यागपत्र में सिद्धू ने लिखा कि समझौता करने से व्यक्ति का चरित्र खत्म हो जाता है। मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब की जनता के कल्याण के एजेंडा से कभी समझौता नहीं कर सकता हूं। उन्होंने आगे लिखा, इसलिए मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। मैं कांग्रेस की सेवा करता रहूंगा। वहीं सिद्धू के इस्तीफे के बाद गुलजार इंदर चहल ने पंजाब कांग्रेस के कोषाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।