लुधियाना- फरीदकोट : पंजाब के फरीदकोट इलाके में पुलिस हिरासत के दौरान 19 मई को लिए गए 22 वर्षीय युवक जसपाल सिंह लाडी की मौत के मामले में आज 10 दिन गुजर जाने के बावजूद इंसाफ ना मिलने पर और पुलिस द्वारा युवक की मौत के बाद लाश को खुुर्द-बुर्द किए जाने के आरोपों के बीच रोष स्वरूप गुस्साएं परिजनों ने स्थानीय लोगों को साथ लेकर इंसाफ की दुहाई देते हुए बुधवार को एक्शन कमेटी द्वारा जिला फरीदकोट पुलिस प्रमुख कार्यालय के आगे भारी रोष रैली निकाली गई।
जिसमें पंजाब भर से 10 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया और जसपाल सिंह की लाश की मांग की गई। इस धरने में बोलते हुए अलग-अलग प्रवक्ताओं ने पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस के विरूद्ध गुस्से का इजहार किया। सीआइए स्टाफ में जसपाल सिंह की मौत के बाद उसके शव को राजस्थान नहर में फेंके जाने की सूचना के बाद से ही पीडि़त परिवार व जत्थेबंदियों द्वारा एसएसपी दफ्तर के समक्ष दिन रात का रोष धरना दिया जा रहा है।
प्रवक्ताओं ने आरापे लगाएं कि पुलिस ने जान बूझकर अपने मुलाजिमों को बचा रही है। खबर लिखे जाने तक इस रोष रैली का धरना प्रदर्शन जारी था। सीआईए स्टाफ में हिरासत के दौरान नौजवान जसपाल सिंह की संदिग्ध मौत के बाद उसके शव को खुर्द बुर्द करने के मामले में इंसाफ की मांग को लेकर सामाजिक व जनतक जत्थेबंदियों पर आधारित एक्शन कमेटी की तरफ से आज बुधवार को एसएसपी दफ्तर के समक्ष विशाल रोष प्रदर्शन किया गया।
दूसरी तरफ फरीदकोट पुलिस की हिरासत में मारे गए नौजवान जसपाल के मामले में पंजाब सरकार ने इस मामले की जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया है। डीजीपी के हुकमों के मुताबिक आइजी मुखविंद्र सिंह छीना की अध्यक्षता में 4 सदस्य कमेटी बनाई गई है। इसके अलावा पंजाब सरकार ने इस मामले की जडूशियल जांच के हुकम दिए है। इस समूचे मामले की पड़ताल फरीदकोट चीफ जडूशियल मजिस्ट्रेट तेज प्रताप सिंह करेंगे।
मृतक के परिवार को इंसाफ देने की मांग को लेकर कस्बे की समूह जत्थेबंदियों की तरफ से देर शाम कैंडल मार्च निकाला गया। मार्च में व्यापार मंडल, किरती किसान यूनियन, भाकियू एकता सिद्धूपुर, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता शामिल हुए जिन्होंने पंजाब सरकार, पंजाब पुलिस व एसएसपी फरीदकोट के खिलाफ नारे लगाए और इस मामले में पीडि़त परिवार को जल्द से जल्द नौजवान का शव सौंपने व आरोपियों पर सख्त क ार्रवाई करने की मांग रखी।
एक्शन कमेटी ने जसपाल सिंह का शव परिवार को सौंपने, घटना से संबंधित सभी आरोपियों पर हत्या का केस दर्ज करके गिरफ्तार करने, पूरे प्रकरण की सिटिग जज से न्यायिक जांच करवाए जाने की मांग रखी।
स्मरण रहे कि 18 मई की रात को गांव रत्तीरोड़ी के गुरुद्वारा साहिब से सीआइए स्टाफ ने जसपाल सिंह को हिरासत में लिया। 19 मई को सूर्योदय होने से पहले उसकी हत्या कर दी गई। 19 मई को शाम करीब 5 बजे सीआइए स्टाफ के इंचार्ज इंस्पेक्टर नरिंंद्र सिंह ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी की थी। बाद में इंस्पेक्टर नरिंंद्र सिंह की खुदकुशी का राज खुला। बताया गया कि युवक के शव खुर्द-बुर्द करने से वह परेशान थे, जिससे उन्होंने ऐसा कदम उठाया।
सब कुछ जानने के बाद भी पुलिस ने अपने किसी अधिकारी या कर्मचारी पर केस दर्ज करने की जगह पीडि़त परिवार से शिकायत लेकर छह व्यक्तियों पर अपहरण का केस दर्ज कर लिया। इन छह में से दो लोगों को गिरफ्तार करने के बाद अब पुलिस ने उन्हें केस से डिस्चार्ज भी कर दिया। दबाव बढ़ा तो पुलिस ने ष्टढ्ढ्र के दो कांस्टेबल स्तर के मुलाजिमों को गिरफ्तार किया।
मामले में पहले दिन से पुलिस कहती रही कि सीआइए स्टाफ में लगे सीसीटीवी केमरे खराब हैं, लेकिन एक दिन पहले पुलिस ने मान लिया कि कैमरे सही हैं, पर परिवार व मीडिया को घटना से जुड़ी आधी अधूरी फुटेज ही दिखाई गई।
– सुनीलराय कामरेड