लुधियाना-अमृतसर : यूनाइटेड सिख मूवमेंट के महासचिव कैप्टन चन्नन सिंह सिद्धू ने कहा कि भारतीय चुनाव आयोग ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअबदी की चल रही जांच को रोक व जांच अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिहं को जांच से हटा कर सिखों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हुए उनके न्याया हासिल करने के अधिकारों पर चुनाव अचार संहिता के नाम पर प्रहार किया है।
इस के खिलाफ उनका संगठन अमृतसर में 22 अप्रैल को एक रोष मार्च का आयोजन करेगा। जांच को बंद करवाए जाने के खिलाफ यह रोष मार्च जलियांवाला बाग से शुरू होगा और इस संबंध में ज्ञापन अमृतसर के डीसी को राष्ट्रपति के नाम सौंपा जाएगा। संगठन के अन्य सदस्य भी विभिन्न जिलों में 22 अप्रैल को ही रोष मार्च इस मुद्दों को लेकर आयोजित करेंगे। कैप्टन सिद्धू मीडिया के साथ बातचीत कर रहे थे।
कैप्टन सिद्धू ने कहा कि मामले के संबंध में पहले जस्टिस जोर सिंह कमिशन, इस के बाद जस्टिर रंजीत सिहं कमिशन और अब स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम मामल की जांच कर रही है। इतना लम्बा समय जांच के नाम पर खराब करने यही मतलब था कि बादल परिवार को इस जांच के सांय से बचाया जाए। मामले की जांच गांव जवाहर सिंह वाला से शुरू होनी चाहिए थी यहां से गुरु ग्रंथ साहिब का स्वरूप चोरी किया गया। इस को चोरी करवाने में कौन थे, किसी की शह पर यह कार्रवाई हुई। इस में बचाने वाले कौन कौन लोग थे।
जब घटना के बाद तत्कालीन एसजीपीसी ने सारे गांव की 75 प्रतिशत तलाशी ले ली थी तो फिर किस के कहने पर तलाशी अभियान बंद करवा दिया गया। यह भी स्पष्ट होने चाहिए था कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अंग फाड़ कर फैंकने के मामले में पहले हत्या किए जाने की एफआईआर दर्ज होती इस के बाद जांच शुरू की जाती। परंतु एक साजिश के तहत ही सरकार के आदेशों पर बादलों के साथ कथित मिली भुगत के तहत जांच को सिर्फ और सिर्फ बहिबल कलां और इसके आसपास तक ही सीमित कर दिया गया।
कैप्टन सिद्धू ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की जांच का मामला किसी भी तरह चुनाव अचार संहिता के उल्लंघन के घेरे में नही आता है। इस को इस के साथ जोड़ कर बादल परिवार को बचाने की कोशिश की गई है। जिस को किसी भी कीमत पर पंजाब की जनता सहना नहीं करेगी। उन्होंने कहाकि इस चल रही जांच को दोबारा शुरू करवाने के लिए 22 अप्रेल को संगठन राज्य भर में रोष मार्चों का आयोजन करेगा। ताकि इस जांच को मुकम्मल करके आरोपियों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाए। इस दौरान उनके साथ कैप्टन दारा सिंह , खजार सिंह , बचन सिंह , गुरमेज सिंह , निशान सिंह रंधावा आदि भी मौजूद थे।
सुनीलराय कामरे-ड