लुधियाना : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत अब ऐसा देश बन चुका है जहां सोशल मीडिया पर एक क्लीप के जरिए बंद करवाया जा सकता है? यह सत्य जहां 2 अप्रेल को एससी -एसटी एक्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए फैसले को लेकर भारत बंद होने के साथ सामने आया वही देश के अधिकांश व्यापारी और नागरिकों में एक बार फिर दुविधा और दहशत का माहौल है कि अब 10 अप्रैल को भारत बंद कौन करवा रहा है? आखिर किस सियासी पार्टी या कैटागिरी द्वारा बंद का आहवान दिया जा रहा है क्योंकि 2 अप्रैल को भारत बंद करवाने वाली किसी भी संस्था ने अब तक जिम्मेदारी नहीं ली और वे बंद भी सोशल मीडिया से आए एक क्लीप के जरिए ही सफल हो गया था।
वाल्मीकि भाईचारे द्वारा किए गए रोष प्रदर्शन के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंसक घटनाओं के बीच जहां 9 बेकसूर लोगों की जान भी गई। अब 10 अप्रैल को बंद को लेकर देश का हर नागरिक विशेषकर पंजाब के व्यापारी वर्ग में दहशत का माहौल पाया जा रहा है। लोग एक-दूसरे से पूछ रहे है कि 10 अप्रैल को भारत बंद होगा या नहीं? हालांकि बुद्धिजीव वर्ग का यह भी सोचना है कि कहीं देश को तोडऩे वाली देश विरोधी ताकतों की साजिश तो नहीं कि किसी भी मुददे को लेकर सोशल मीडिया पर एक क्लीप के जरिए देश में दहशत का माहौल खड़ा किया जा सकता है।
10 अप्रैल को बंद संबंधी आई सोशल मीडिया के कमेंटस द्वारा यह बात सामने आई है कि रिर्जवेशन को लेकर जरनल समाज द्वारा बंद का आहवान किया गया है। परंतु स्पष्ट रूप से किसी भी संगठन, सियासी पार्टी, समाज सेवी संस्था, क्लब या व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने ना ही इस बंद को समर्थन दिया और ना ही विरोधता दर्ज करवाई।
सोशल मीडिया के 10 अप्रैल के बंद से संबंधित उच्च प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर पुलिस अधिकारियों से जब इस संबंध में बातचीत हुई तो किसी ने भी बंद संबंधि कोई भी जानकारी या उपाय किए जाने की बात से इंकार किया है परंतु फिर भी पुलिस के गुप्तचर अधिकारी सक्रिय नजर आ रहे है। पुलिस का कहना है कि अमन-शांति भंग करने की इजाजत किसी को भी नहीं दी जाएंगी। उन्होंने पंजाब वासियों को अपील की कि सोशल मीडिया पर खराब होने वाले आए किसी भी कमेंट पर अमनशांति भंग करने की कार्यवाही ना करें बल्कि पुलिस प्रशासन को सहयोग दें।
– सुनीलराय कामरेड
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