पंजाब सरकार में चल रहा सियासी घमासान अभी खत्म होता नहीं दिख रहा है 28 सितम्बर को नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से पार्टी उन्हें अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए शांत करने की कोशिश कर रहे है। कांग्रेस नेतृत्व नवजोत सिंह सिद्धू से संपर्क कर रहा है।इस बीच कहा जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान पंजाब कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष के रूप में रवनीत सिंह बिट्टू को नियुक्त करने की योजना बना रही है। दरअसल, पार्टी पिछले कई दिनों से नवजोत सिंह सिद्धू को फिर से प्रदेश की कमान सौंपने के लिए मना रही है, लेकिन अब वह मन बदल रही है। कांग्रेस के कई नेता सिद्धू को शांत कराने में जुटे हैं।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस बिट्टू के अलावा कथित तौर पर मनीष तिवारी और प्रताप सिंह बाजवा पर विचार कर रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के मंत्रिमंडल में कुछ नए चेहरों, विभागों के आवंटन और महाधिवक्ता सहित महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियों से परेशान होने के बाद सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने के बाद सिद्धू ने कहा था, “मैं अपनी आखिरी सांस तक सच्चाई के लिए लड़ूंगा.”
सिद्धू, भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी इकबाल प्रीत सिंह सहोता को हटाने की मांग कर रहे हैं जिन्हें पंजाब पुलिस के महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. सहोता, अकाली सरकार द्वारा 2015 में बेअदबी की घटनाओं की जांच के लिए बनाए गए विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख थे। सिद्धू ने सहोता पर आरोप लगाया था कि उन्होंने बेअदबी के मामले में दो सिखों को गलत तरीके से फंसाया था और बादल परिवार के सदस्यों को क्लीन चिट दे दी थी।
सिद्धू ने राज्य के नए महाधिवक्ता ए एस देओल की नियुक्ति पर भी प्रश्न खड़े किये जो 2015 में पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी के वकील थे. सिद्धू ने कहा था कि वह किसी पद पर रहें या न रहें, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ खड़े रहेंगे. सिद्धू से नाराज कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस इस्तीफा दे दिया था और वह उनके खिलाफ मुखर हो गए थे। इस बीच, खबरें आ रही हैं कि कैप्टन अमरिंदर सिंह एक नए राजनीतिक संगठन की घोषणा कर सकते हैं और नई पार्टी का नाम ‘पंजाब विकास पार्टी’ होगा।