पंजाब सरकार अपने ही एक विज्ञापन पर अब ट्रोल हो रही है। चन्नी सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी कटौती करने के बाद एक विज्ञापन दिया था, जिसमें राजस्थान से पंजाब की तुलना की गई थी, अब सरकार इसी मुद्दे पर लोगों के निशाने पर आ गई है।
दरसल कांग्रेस के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा राजस्थान सहित पड़ोसी राज्यों की तुलना में सस्ते दाम पर पेट्रेाल और डीजल बेचने का दावा करने वाले एक विज्ञापन ने राजस्थान में महंगे ईंधन पर राजनीति को और हवा दे दी है।कांग्रेस शासित पंजाब ने पेट्रोल की कीमत में 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 5 रुपये प्रति लीटर की कटौती की और सोमवार को एक विज्ञापन में दावा किया कि पड़ोसी राज्यों दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान की तुलना में पंजाब में ईंधन की कीमते सबसे कम हैं।
इस विज्ञापन के बाद विपक्षी दलों को पेट्रोल डीजल पर वैट कम नहीं करने की इच्छुक गहलोत सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पेट्रोल और डीजल पर वैट (मूल्य वर्धित कर) कम करने की बजाय केन्द्र सरकार से उत्पाद शुल्क को और कम करने की मांग कर रहे है।विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस शासित पंजाब के मुख्यमंत्री भी राजस्थान में महंगे मिल रहे पेट्रोल-डीजल को लेकर विज्ञापन के जरिए तंज कस रहे हैं। जब देश के 25 राज्यों ने वैट घटा दिया है तो राजस्थान में वैट में कमी क्यों नहीं कर रहे? वैट में कमी का साहस जुटाओ और जनता को राहत दो।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरों में कमी नहीं करने को लेकर आपका बार-बार वक्तव्य देना, पत्र लिखना दर्शाता है कि देश में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल राजस्थान में है और आपकी वैट में कमी करने की कतई मंशा नहीं है। आप पहले महज कोरी चिंता ही जता रहे थे जबकि केन्द्र ने उत्पाद शुल्क में कमी कर दी है।’’राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को एक बार फिर यह मांग स्वीकार करने की अनिच्छा दिखाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इन ईंधन उत्पादों के विशेष उत्पाद शुल्क को और कम करने का आग्रह किया है ताकि लोगों को राहत मिले।