लुधियाना : लुधियाना-मालेरकोटला रोड पर देर शाम तेज रफतार डस्टर कार के चालक ने स्कूटी सवार मां-बेटी को इतनी जबरदस्त टक्कर मारी, जिसमें 4 वर्षीय बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि उसकी मां अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक न्यू गुरु तेग बहादुर नगर निवासी नरिंदर कौर (28) बेटी हरगुन कौर (4) के साथ गाव आलमगीर स्थित गुरुद्वारा मंजी साहिब में माथा टेककर घर लौट रहीं थी। जब वे मुख्य सडक़ पर चढ़े तो पीछे से बेकाबू हुए तेज रफतार डस्टर कार चालक बैंक कर्मी ने दोनों को जोरदार टक्कर मार दी। इससे मां बाई तरफ कच्ची जमीन पर जा गिरी और बेटी का सिर पक्की तारकोल की सडक़ से टकरा गया, जिससे उसकी मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हादसे के समय कार चला रहा गांव गिल निवासी कार बैंक कर्मी राजवंत सिंह शराब के नशे में धुत था। उसने फरार होने की कोशिश की। मगर नशे में होने के कारण थोड़ा आगे जाने पर उसकी कार दीवार से जा टकराई। वहां पास ही मैरिज पैलेस में मौजूद लोग बाहर आए और उन्होंने कार चालक की धुनाई कर दी। मौके पर कार चालक के कुछ साथी भी पहुंचे। उन्होंने रिवाल्वर निकाल कर लोगों को धमकाया। इस पर और भडक़े लोगों ने ईट-पत्थर मारकर आरोपित की कार की तोडफ़ोड़ की। कार में शराब की बोतल और गिलास भी मिले।एक राहगीर ने अपनी कार से घायल महिला को सीएमसी अस्पताल में भर्ती करवाया।
पांजाब : बेटी की हत्या मामले में जागीर कौर बरी
इस हादसे के बाद लोगों ने लुधियाना-मालेरकोटला रोड पर धरना देकर दोनों तरफ जाम लगा दिया। मामले का पता चलते ही एडीसीपी सुरिंदर लांबा, एसीपी सरताज सिंह चहल, एसीपी जसबिंदर सिंह पुलिस फोर्स और कमांडो टीम के साथ मौके पर पहुंचे। प्रदर्शनकारियों की पुलिस अफसरों के साथ भी बहस हुई। करीब तीन घंटे बाद पुलिस ने लोगों को मनाकर जाम खुलवाया हटाया। मौके पर आरोपित को गिरफतार करके उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेजा गया। वहीं घायल मां का सीएमसी अस्पताल में उपचार चल रहा है।
गुरु तेग बहादुर नगर के रहने वाले सतविंदर सिंह ने बताया कि 8 साल पहले नरिंदर कौर की शादी अमरीक सिंह से हुई थी। उसके एक साल बाद ही अमरीक उर्फ मीका स्पेन चला गया। हरगुन दुगरी के ग्रीनलैंड स्कूल में नर्सरी कक्षा में पढ़ती थी। रविवार की दोपहर नरिंदर और हरगुन एक्टिवा पर गुरुद्वारा मंजी साहिब में माथा टेकने गईं थी। करीब चार बजे वापस घर जाते समय हादसा हो गया। परिवार में हरगुन के दादा बूटा सिंह, दादी कुलवंत कौर, ताया चरणजीत सिंह तथा ताई चरणजीत कौर यहां साथ रहते हैं।
– सुनीलराय कामरेड