एक ट्रैक्टर ट्रॉली चालक की कथित हत्या के खिलाफ कांग्रेस विधायक हरीश मीणा व भाजपा के विधायक गोपीचंद मीणा शनिवार को टोंक शहर में अनशन पर बैठ गए। पूर्व पुलिस महानिदेशक और कांग्रेस विधायक हरीश मीणा (देवली उनियारा) बुधवार को धरने पर बैठे जबकि गोपीचंद मीणा (जहाजपुर) भी उनके साथ शामिल हो गए। यह धरना शनिवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल गया। धरना नगर फोर्ट, टोंक के अस्पताल में दिया जा रहा है।
दरअसल, चालक भजन लाल (30) मंगलवार रात गांव जा रहा था तो नगर फोर्ट पुलिस थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुरा में पुलिस ने उसे रोका। उसकी बाद में मौत हो गयी। पुलिस ने उसकी मौत को दुर्घटना बताया है, जबकि आंदोलनकारियों का कहना है कि पुलिस की पिटाई में उसकी मौत हुई।
आंदोलनकारी मांग कर रहे हैं कि चालक के एक परिजन को सरकारी नौकरी दी जाए, 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए तथा आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हो। इसके साथ वे मामले की जांच सीआईडी से करवाने की मांग कर रहे हैं। भाजपा विधायक गोपीचंद ने कहा, ‘’ सरकार हमारी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही। चालक की हत्या हुई लेकिन सरकार मामले को लेकर गंभीर नहीं है। हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।’’
उन्होंने कहा कि पार्टी नेता किरोड़ी लाल मीणा, प्रहलाद गुंजल भी धरना स्थल पर आए और अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा,’ सरकार ने मांगें नहीं मानीं तो पांच जून से राज्य भर में आंदोलन शुरू किया जाएगा।’ टोंक के जिला कलेक्टर आरसी धेनवाल ने कहा कि सरकार की ओर से पहले ही आश्वासन दिया जा चुका है।
उन्होंने कहा, ‘’ सरकार उनकी मांगें मानने को तैयार है। नियमों के अनुसार आठ लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा सरकार मुख्यमंत्री राहत कोष से पांच लाख रुपये अतिरिक्त देगी। मामले की सीआईडी जांच होगी और आरोपी पुलिस वालों को निलंबित किया जाएगा।’’
कलेक्टर ने बताया कि विधायकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शनिवार सुबह शुरू की। मृतक चालक का अभी अंतिम संस्कार नहीं किया गया है। इस बीच भाजपा ने मामले की पड़ताल के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी ने कहा कि समिति अपनी रपट तीन दिन में देगी। सैनी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है।