राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिख कर कोविड-19 महामारी के प्रबंधन के बारे में राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत करने के लिए एक वीडियो कांफ्रेंस आयोजित करने का अनुरोध किया है। साथ ही, उन्होंने टिड्डियों के प्रकोप को ‘‘राष्ट्रीय आपदा’’ घोषित करने का भी प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है।
गहलोत ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है, ‘‘ आपके द्वारा राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अंतिम बार 17 जून को किए गए संवाद के बाद कोविड-19 के सूचकांकों एवं राज्यों के आर्थिक परिदृश्य में लम्बी अवधि के लॉकडाउन के कारण काफी बदलाव हो चुका है। इसलिए, मेरा आपसे यह अनुरोध है कि वर्तमान परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में कोविड-19 महामारी के प्रबन्धन के सम्बन्ध में राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ शीघ्र संवाद के लिये विडियो कान्फ्रेंस आयोजित की जाए।’’
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रविवार को जयपुर में समीक्षा बैठकों के बाद जैसलमेर के लिए रवाना हो गये, जहां कांग्रेस विधायक ठहरे हुए है। राज्य में जारी राजनीतिक रस्साकशी के बीच कांग्रेस और उसका समर्थन करने वाले विधायकों को खरीद फरोख्त से बचाने के लिये इन विधायकों को जयपुर से जैसलमेर भेजा गया था।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है, ‘‘ कोविड-19 महामारी के साथ देश की लड़ाई निर्णायक चरण में पहुंच गई है। सभी राज्यों ने अपनी पूरी ताकत और संसाधनों के साथ कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने की कोशिश की है। साथ ही, ऐसे जरूरतमंद लोगों को, जिन्होंने महामारी के कारण आर्थिक मंदी में अपनी आजीविका का साधन खो दिया है, उन्हें वित्तीय सहायता भी प्रदान की गई है।’’
उन्होंने प्रधानमंत्री को राज्य में किए गए कोविड 19 प्रबंधन गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जांच के लिये एक अगस्त तक 15.26 लाख नमूने एकत्र किए गए। उन्होंने कहा, ‘‘ राजस्थान में राज्य सरकार के प्रयासों से कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्तियों के इस रोग से उबरने की दर एक अगस्त को 77.29 प्रतिशत रही है। वहीं, राज्य में उपलब्ध प्रतिदिन जांच क्षमता को 22 हजार से बढ़ाते हुए हमने एक अगस्त को 45 हजार कर लिया है।’’
उन्होंने कहा कि राज्य में कोविड 19 संक्रमित लोगों की मृत्यु दर घट कर 1.62 प्रतिशत हो गई है और इसे और भी कम करने के लिए निरन्तर प्रयास जारी है।
जैसलमेर में गहलोत ने संवाददाताओं से बातचीत में किसानों की समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि प्रदेश में टिड्डियों का प्रकोप बहुत भयावह है। राजस्थान में 33 जिलों में दो-तीन जिलों को छोड कर सभी जगहों पर टिड्डियों का हमला हो रहा है। फसल बर्बाद हो रही है।
गहलोत ने कहा, ‘‘टिड्डियों के प्रकोप को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिये उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है। टिड्डियां पाकिस्तान होकर अफ्रीका और अन्य मुल्कों से होकर भारत में आती है और वहां इनका बहुत खतरनाक रूप से प्रजनन हो रहा है, जब तक इन्हें नहीं रोका जायेगा तक तक फसलों को नहीं बचाया जा सकता है।’’
उन्होंने कहा कि टिड्डियों के पिछली बार के हमले में खरीफ और रबी की फसल बर्बाद हो गई। अब इनके हमले से और फसल बर्बाद होने की संभावना है। अगले साल की शुरूआत में फिर रबी की फसल आयेगी। ऐसे में, किसान क्या करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार की ओर से किसानों को पूरा मुआवजा मिलना चाहिए। मैं उम्मीद करता हूं कि प्रधानमंत्री इस ओर ध्यान देंगे।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के सभी मुख्यमंत्रियों की प्रधानमंत्री के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंस में भी मैंने टिड्डियों के हमले से किसानों को हुए नुकसान का मुद्दा उठाया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यह ध्यान है कि राजस्थान में टिड्डियों का प्रकोप पहुंच चुका है। उस वक्त तक गुजरात पहुंच गया था और अब तो अधिकांश राज्यों में पहुंच चुका है। इसलिये सरकार को प्रमुखता से इसे प्राथमिकता देनी चाहिए।