भारत एक लोकतांत्रिक देश हैं। राज्य के सभी नागरिकों को स्वतंत्रता का अधिकार मिला हुआ हैं। हालांकि देखा जा सकता है कि भष्ट्राचारी लोगों के खून में बस चुकी हैं। चाहे वह राजनीति में हो या किसी भी उच्च पद के लिए । राजस्थान सरकार ने शुक्रवार को सदन को आश्वस्त किया कि उदयपुर के मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (एमएलएसयू) के कुलपति अमरिका सिंह द्वारा इस पद को पाने के लिए ‘‘फर्जी’’ दस्तावेज का इस्तेमाल करने के विपक्ष के आरोपों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।
शून्यकाल में प्रतिपक्ष के नेता
राजस्थान के उच्च शिक्षा मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव ने यह भी कहा कि यदि आवश्यकता हुई तो इस संबंध में प्राथमिकी भी दर्ज करवाई जायेगी।शून्यकाल में प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने आरोप लगाया कि कुलपति की नियुक्ति के लिये प्रोफेसर अमरीका सिंह ने जो दस्तावेज चयन समिति के समक्ष पेश किये हैं वो फर्जी हैं और उन दस्तावेजों की जांच होनी चाहिए।
कुलपति पर उठााए गए सवाल
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि कुलपति ने विधानसभा में पूछे गये प्रश्नों का जवाब भेजने में जानबूझ कर देरी की। उन्होंने कुलपति द्वारा जमा की गई लखनऊ की एक संस्था में उनके काम के प्रमाणपत्र की एक प्रति भी दिखाई और कहा कि यह सादे कागज पर है जिस पर संस्था की कोई मुहर नहीं है। उन्होंने सिंह के दस्तावेजों पर कई अन्य सवाल भी उठाए।उच्च शिक्षा मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और इसकी जांच के लिये एक समिति बनाई जायेगी। उन्होंने कहा, ‘‘अगर जरूरत पड़ी तो प्राथमिकी भी दर्ज की जायेगी।’’