भीलवाडा : पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण संस्था People for Animals (PFA) की राजस्थान इकाई ने बाघों के हितों के मद्देनजर मानसून सीजन में बाघ अभयारण्यों को बंद रखने के राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority) के निर्देशों की पालना कराने के लिए केंद्र सरकार से मांग की है।
People for Animals के प्रदेश प्रभारी बाबू लाल जाजू ने आज PM मोदी को पत्र लिखकर यह अनुरोध किया। श्री बाबू लाल जाजू ने National Wildlife Board Chairman तथा NTCA के Assistant inspector general of forest को भी पत्र लिखकर NTCA के निर्देशों की पालना कराने का अनुरोध किया।
उन्होंने केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री तथा PFA की राष्टीय अध्यक्ष एवं केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी को भी NTCA के निर्देशों की पालना सुनिश्चित कराने की मांग की।
उन्होंने कहा कि राजस्थान वन विभाग ने NTCA के निर्देशों की अनदेखी कर राज्य के रणथम्भौर सहित तीनों बाघ अभयारण्यों को मानसून सीजन जुलाई से सितम्बर में भी खुला रखने का निर्णय लिया गया है जो बाघ के संरक्षण एवं हितों के खिलाफ है। उन्होंने पत्र में कहा कि NTCA द्वारा 18 Aug 2015 को जारी निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि बाघों का संरक्षण किया जा सके।
बाबू लाल जाजू ने आरोप लगाते हुए बताया कि वन मंत्री खींवसर द्वारा हाल में होटल लॉबी के दबाव में आकर मानसून सीजन में बाघ अभयारण्यों को पर्यटकों के लिए खुला रखने का फैसला लिया है जो बाघों एवं जंगली जीवों के लिए घातक है।
बाबू लाल जाजू वन विभाग के इस निर्णय की निंदा करते हुए बताया कि NTCA ने मानसून सीजन में 3 से 5 महीनों तक टाईगर रिजर्वों को बंद रखने के निर्देश दिए थे। जाजू ने बताया कि मानसून सत्र में टाईगरों के प्रजनन का समय होता है।
विशेष ये है कि NTCA ने 18 अगस्त 2015 को राज्यों के सभी Chief Wildlife Warden को बाघों के हितों के मद्देनजर मानसून सीजन में तीन से पांच महीनों तक बाघ अभयारण्यों को बंद रखने के निर्देश दिए गये थे।