मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में मजबूत लोकतंत्र के लिए लोक सेवकों (नौकरशाहों) की अहम भूमिका है और उनकी भागीदारी से ही संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सुशासन संभव है।
लोक सेवकों का योगदान महत्वपूर्ण
गहलोत ‘सिविल सेवा दिवस’ पर यहां ‘प्रतिबद्ध प्रशासन, राज्य में सुशासन’ थीम पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2030 तक राजस्थान को देश में ‘नंबर वन’ बनाने की राज्य सरकार की परिकल्पना को साकार करने में लोक सेवकों का योगदान महत्वपूर्ण है।
देश आज आईटी क्षेत्र में नए मकाम हासिल कर रहा
सभी लोक सेवकों को ‘सिविल सेवा दिवस’ की बधाई देते हुए गहलोत ने कहा कि पंडित (जवाहर लाल) नेहरू एवं सरदार (वल्लभ भाई) पटेल जैसे महापुरुषों की सोच से देश में एक उत्कृष्ट सिविल सेवा की नींव पड़ी, जिसका सम्मान उत्तरोतर बढ़ा है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से देश को 21वीं सदी से जोड़ने का सपना देखा था और उसी का नतीजा है कि देश आज आईटी क्षेत्र में नए मकाम हासिल कर रहा है। उन्होंने कहा कि आईटी के लिए राज्य में तीन प्रतिशत बजट का प्रावधान किया गया है।
संवैधानिक संस्थाओं का बढ़ता दुरूपयोग चिंता का विषय
गहलोत ने कहा कि देश में संवैधानिक संस्थाओं का बढ़ता दुरूपयोग चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, लोक सेवकों का यह कर्तव्य है कि देश में असंवैधानिक एवं अलोकतांत्रिक परिस्थितियां पैदा ना हों। उन्होंने कहा कि लोक सेवकों को अपनी भूमिका केवल राजकीय सेवा तक सीमित ना रखकर समाज हित के कार्यों तक बढ़ानी चाहिए। गहलोत ने लोक सेवकों से राज्य में 24 अप्रैल से शुरू होने वाली ‘महंगाई राहत शिविरों’ के सफल क्रियान्वयन का आह्वान किया।
लगभग 90 प्रतिशत वादे पूरे
मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘‘वर्तमान में 11.04 प्रतिशत आर्थिक विकास दर के साथ राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर है। कोविड महामारी के दौरान प्रदेश में किए गए शानदार प्रबंधन की सराहना पूरे देश में की गई।’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जन घोषणा पत्र में किये गए लगभग 90 प्रतिशत वादे पूरे किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों के कल्याण के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना राज्य सरकार का ध्येय है। मुख्य सचिव उषा शर्मा ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि लोक सेवक राज्य सरकार की नीतियों और योजनाओं के क्रियान्वयन में योगदान देकर राज्य व राष्ट्र का निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन करते हैं।
लोक सेवक आमजन की अपेक्षाओं का केंद्र
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता त्रिपुरा के पूर्व मुख्य सचिव एम दामोदरन ने कहा कि सभी अधिकारियों को अपने कार्य के प्रति निष्ठा एवं ईमानदारी रखते हुए पूर्ण समर्पण के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोक सेवक आमजन की अपेक्षाओं का केंद्र हैं तथा उनकी जिम्मेदारियां भी बड़ी हैं। उन्होंने इस दौरान अपने प्रशासनिक अनुभवों को अधिकारियों के साथ साझा किया तथा उन्हें नेतृत्व, निर्णय क्षमता, सुशासन के बारे में विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से समझाया।
मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार-2023
कार्यक्रम में लोक सेवा में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए ‘मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार-2023’ भी प्रदान किये गए। आयोजन विभाग के संयुक्त शासन सचिव सुशील कुमार कुलहरि, मुख्य सचिव कार्यालय में निदेशक (प्रोग्राम मॉनिटरिंग) डॉ. नीतीश शर्मा, जिला कलेक्टर लोकबंधु (बाड़मेर), नमित मेहता (पाली), डॉ. भारती दीक्षित (झालावाड़) व ताराचंद मीणा (उदयपुर) को मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार दिए गए।