अलवर : आज राजस्थान के अलवर जिले में विश्वविख्यात सरिस्का बाघ अभयारण्य ( World famous Sariska tiger sanctuary ) में ST-9 शेरनी की पूंछ कट गई जिसके कारण शेरनी घायल हो गई जिसे शांत कर उसका उपचार के प्रयास किए जा रहे है।
सरिस्का में शेरनी की पूंछ जड़ से कटने से गहरा जख्म हो गया है। इस शेरनी के Radio caller लगा हुआ है जिससे यह बात कैमरा ट्रैप में पकड़ में आई है।
सरिस्का प्रशासन अभी यह कहने की स्थिति में नहीं है कि शेरनी की पूंछ जड़ से किस तरह से खत्म हुई है और इसके क्या कारण रहे है।
विश्वविख्यात सरिस्का बाघ अभयारण्य के उपवन संरक्षक बालाजी करी का कहना है कि जैसे ही ST-9 शेरनी के पूंछ नहीं होने और पूंछ की जड़ पर घाव होने का पता चला तो जयपुर से चिकित्सक अरविंद माथुर के नेतृत्व में टीम बुला ली गई है और 3 दिन से शेरनी को शांत करने के प्रयास किए जा रहे है। जिससे उसके घाव का उपचार कर सके और घाव पर मलहम- दवा लगा सकें और उसके जख्म को सही किया जा सके।
बालाजी करी का कहना है कि शेरनी के घाव होने पर वह क्रोधी हो रही है जो पकड़ में नहीं आ रही है। वह इतना क्रोधी है कि वो किसी पर भी हमला कर सकती है। ऐसे में उसकी टेरिटरी में किसी को नही जाने दिया जा रहा है। शेरनी ऐसी जगह बैठी हुई है जहां टीम उसे शांत नहीं कर पा रही है।
शेरनी की पूंछ किस तरह कटी है यह बड़ा सवाल पैदा हो गया है क्योंकि पिछले एक महीने में यहां 15 से अधिक शिकारी पकड़े जा चुके हैं जिनसे हथियार एवं वन्य जीवों का मांस वगैरह भी बरामद किया गया है।
ऐसे में सवाल उठता है कि कहीं इसको भी किसी शिकारी ने तो अपना निशाना नहीं बनाया है लेकिन सरिस्का प्रशासन इस मामले में अपना मुँह खोलने के लिए तैयार नहीं है। सरिस्का में बाघो के समाप्त होने पर जब बाघ पुनर्वासित किये गए थे तो उसके एक वर्ष के बाद ही शिकारियों ने ST -1 का शिकार कर मार दिया था और हर वर्ष यहाँ शिकार की वारदात होती रहती है। सरिस्का के चारो और गांवों में शिकारी रहते है जो मुख्य रूप से बाबरिया जाति के है।