जयपुर : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि देश झूठे वादों से आजिज आ चुका है और नरेंद्र मोदी दोबारा देश के प्रधानमंत्री नहीं बनने वाले हैं। गहलोत ने यह भी कहा कि राज्य सरकार पिछले साल दो अप्रैल को आयोजित ‘भारत बंद’ के सिलसिले में दलितों के खिलाफ दर्ज मामलों की समीक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार को किसानों की कर्जमाफी के लिए कदम उठाने चाहिए। यहां संवाददाताओं से बातचीत में गहलोत ने कहा, ‘‘कांग्रेस मुक्त भारत की बात करने वाले खुद मुक्त हो जाएंगे। जल्द ही वह समय आ रहा है। मई तक आपको लगेगा कि देश में बदलाव हो गया है। मोदी जी वापस प्रधानमंत्री बनने वाले नहीं हैं। देश यह निश्चय कर चुका है। देश झूठे वादों से आजिज आ चुका है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आम चुनाव आ रहे हैं, इसलिए हमारी मांग है कि केंद्र सरकार पांच साल की अपनी उपलब्धियां बताएं। सिर्फ कांग्रेस को कोसने से कुछ नहीं होगा।’’
भाजपा के चुनावी वादों को गिनाते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘कर्जा माफ करने, 15 लाख रुपये बैंक खाते में डालने, काला धन वापस लाने, किसानों की आमदनी दोगुनी करने, हर साल दो करोड लोगों को रोजगार देने… इन सब बातों से लोग धोखे में आ गए थे लेकिन अब नहीं आएंगे।’’ गहलोत ने आरोप लगाया कि देश में केवल (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी और (भाजपा अध्यक्ष) अमित शाह का राज है। उन्होंने कहा, ‘‘देश के अंदर भाजपा का राज नहीं है, यहां तक कि भाजपा और आरएसएस के समर्थकों के मन से यह गलतफहमी निकलती जा रही है… देश में भाजपा का राज नहीं है। देश में सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी और अमित शाह का राज है। दो लोग राज करेंगे तो देश का क्या होगा आप समझ सकते हैं। देश में घृणा, अविश्वास व संवेदनहीनता का माहौल है। हिंसा का माहौल है, निर्दोष लोग मारे जाते हैं लिंचिंग के नाम पर।’’
उन्होंने कहा, ‘‘देश में हो क्या रहा है? किसान आत्महत्या कर रहा है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा। वादे झूठे किए थे जो जुमले निकले। आने वाले समय में इस सरकार को जुमलों की सरकार के रूप में याद रखा जाएगा।’’ दलितों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाने की बसपा प्रमुख मायावती की मांग पर गहलोत ने कहा सरकार इनकी समीक्षा करेगी क्योंकि वह मानते हैं कि ‘‘कोई निर्दोष फंसना नहीं चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मायावती की मांग स्वाभाविक है, क्योंकि जो दलित वर्ग के लोग थे उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए। अब उनमें से कितने अपराधी थे कितने नहीं थे यह जांच का विषय है। कई बार आप देखते हैं कि जो अपराधी नहीं होता वह भी फंस जाता है। तो वे अपनी जगह सही हो सकती हैं। सरकार अपनी जगह देखेगी, समीक्षा करेगी। कोई निर्दोष है तो वह फंसना नहीं चाहिए। कानून का राज आना चाहिए प्रदेश में, जिले में गांव में। उसी के अनुसार काम होगा।’’
इसके साथ ही उन्होंने मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में कांग्रेसनीत सरकारों को बाहर से समर्थन देने के लिए मायावती का धन्यवाद किया।गौरतलब है कि बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार को कहा था कि अगर दो अप्रैल 2018 को भारत बंद के सिलसिले में ‘‘निर्दोष’’ लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस नहीं लिए गए तो उनकी पार्टी मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकारों को बाहर से दिए जा रहे समर्थन पर ‘पुनर्विचार’ करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश भर के किसानों का कर्ज माफ करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार पर दबाव बनाए रखेगी। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी देश के प्रमुख उद्योगपतियों का साढे तीन लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर सकते हैं तो किसानों का कर्ज भी माफ होना चाहिए।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘केंद्र की राजग सरकार को भी पूर्ववर्ती संप्रग सरकार की तरह कर्जमाफी करनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश का पेट भरने के लिए हाड़तोड़ मेहनत करने वाले किसान की चिंता तो देश की हर सरकार को होनी चाहिए, भले ही वह किसी भी पार्टी की हो। यह उसकी प्राथमिकता में होना चाहिए। इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि जब तक मोदी इस मांग को नहीं मानेंगे तब तक इसे उठाते रहेंगे।’’ कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक जयपुर में कराने संबंधी सवाल पर गहलोत ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी चाहते हैं कि कार्यसमिति की बैठक दिल्ली से बाहर हो। इसलिए उन्होंने इसे जयपुर में कराने का आग्रह किया है। इस बारे में अभी कुछ तय नहीं है। गहलोत ने संकेत दिया कि किसानों की कर्जमाफी की राज्य सरकार की घोषणा के मद्देनजर राहुल गांधी के राजस्थान दौरे का कार्यक्रम बन रहा है। यह कार्यक्रम पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट से विचार विमर्श के बाद तय किया जाएगा।
पिछली भाजपा सरकार के कुछ फैसलों की जांच संबंधी एक सवाल पर गहलोत ने कहा कि कानून अपना काम करेगा लेकिन मौजूदा कांग्रेस सरकार किसी बदले की भावना से काम नहीं करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा ध्येय तो यही रहेगा कि अगर किसी ने गलत काम किया तो उसे पकड़ा जाना चाहिए।’’ इसके साथ ही गहलोत ने वसुंधरा राजे की अगुवाई वाली पिछली भाजपा सरकार पर राज्य पर कर्ज बोझ बढाने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा को बताना चाहिए कि सिर्फ पांच साल में यह कर्ज 1.75 लाख करोड़ रुपये कैसे बढ गया। उन्होंने कहा कि 2013 में जब भाजपा सत्ता में आई तो राज्य पर कर्ज 1.29 लाख करोड़ रुपये था और यह कर्ज बीते 30-40 साल का था जो केवल पांच साल में ही बढ़कर तीन लाख करोड़ रुपये हो गया।