राजस्थान के झुंझुनूं में अब गायों का अंतिम संस्कार गैस से चलने वाली शव दाह मशीन से किया जायेगा। गोपाल गोशाला के अध्यक्ष ताराचंद गुप्ता ने बताया कि इसके लिए शव दाह मशीन गोशाला पहुंच गई हैं। यह मशीन गोशाला के सामने स्थित मोक्ष धाम के पास स्थापित की जाएगी।
इस मशीन पर करीब पंद्रह लाख रुपए खर्च हुए हैं। उन्होंने बताया कि गोशाला प्रबंधन भविष्य में गोबर से बनने वाली गैस से ही इस मशीन को चलाएगा। उन्होंने कहा कि गाय मरने के बाद उसे दफनाने की जगह की कमी एवं उसके शरीर की दुर्दशा नहीं हो इसलिए प्रबंधन ने यह मशीन लगाने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि यह देश की ऐसी पहली मशीन है।
ताराचंद गुप्ता ने बताया कि बीमारी, बूढ़ी एवं हादसों की शिकार होने वाली गायों को मिला कर साल भर में गोशाला में करीब दो सौ गायों की मौत हो जाती है। फरीदाबाद की मशीन निर्माता कंपनी ओम सांई स्वरांत्रिका प्राइवेट लिमिटेड के प्रवक्ता ने बताया कि आम तौर पर उनकी कम्पनी बिजली से चलने वाली मनुष्य के शव दाह की मशीन बनाते हैं।
लेकिन पहली बार गाय के लिए गैस आधारित मशीन बनाई हैं। कम्पनी के अधिकारी ने बताया कि गोशाला के कार्मिकों को इसके संचालन का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस मशीन में करीब तीस कामर्शियल गैस सिलेंडर जितनी गैस का भण्डारण किया जा सकेगा। हालांकि एक गाय की अंत्येष्टि दो सिलेंडर की गैस से हो जाएगी।