राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार ने बीते तीन साल में लगभग 97,000 नौकरियां दी हैं और सरकारी भर्तियों में आ रही बाधाओं को दूर किया है। गहलोत सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के नवीन भवन के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सरकारी विभागों में भर्ती परीक्षाओं को त्वरित, वाद रहित एवं पारदर्शी बनाने की दिशा में मजबूत इच्छाशक्ति व संकल्प के साथ काम कर रही है। सरकारी बयान के अनुसार गहलोत ने कहा, ‘‘बीते तीन साल से भी कम समय में करीब 97 हजार पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं। इसके लिए जहां आवश्यक हुआ नियमों में संशोधन और उनका सरलीकरण किया गया। न्यायिक अड़चनों को दूर किया गया।’’
सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति के लिए इंतजार ना करना पड़े
गहलोत ने कहा, ‘‘हमारा पुरजोर प्रयास है कि भर्तियां समय पर पूर्ण हों, विधिक या अन्य किसी प्रकार की बाधाओं के कारण वे अटके नहीं और सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति के लिए इंतजार ना करना पड़े।’’ मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोग की आंतरिक कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए तैयार किए गए संशोधित मैनुअल के पहले एवं दूसरे खंड का विमोचन किया। उन्होंने अभ्यर्थियों की समस्याओं के प्रभावी निराकरण के लिए आरपीएससी वेब पोर्टल का मॉड्यूल भी लांच किया।
संसाधनों को उपलब्ध कराने में सरकार कोई कमी नहीं रखेगी
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में भर्ती एजेंसियों के लिए परीक्षाओं की विश्वसनीयता बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। ऐसे में आरपीएससी तथा राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड जैसी संस्थाएं परीक्षाओं के आयोजन में निरन्तर नवाचारों को अपनाएं। गहलोत ने कहा कि आरपीएससी में रिक्त पदों को भरने तथा अन्य आवश्यक संसाधनों को उपलब्ध कराने में सरकार कोई कमी नहीं रखेगी।
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि राजस्थान लोक सेवा आयोग ने पारदर्शिता एवं गुणवत्ता के साथ परीक्षाओं के आयोजन के मामले में देश के अन्य राज्यों के लोक सेवा आयोगों के बीच अपनी एक अलग पहचान को हमेशा बनाए रखा है। आरपीएससी के अध्यक्ष डॉक्टर भूपेन्द्र सिंह ने भर्ती परीक्षाओं को त्वरित एवं विश्वसनीय बनाने के लिए आयोग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।