कोरोना वायरस के कारण लगातार गिरती देश की अर्थव्यवस्था और महामारी के दौरान राजस्व प्राप्तियों में भी भारी कमी आयी है। जिस कमी को देखते हुए राजस्थान सरकार ने अपने खर्च में कटौती करने का फैसला लिया हैं। सरकार ने गुरुवार को इन कदमों की घोषणा की जिनसे खर्चों में कटौती की जा सकती है।
इस फैसले के तहत गहलोत सरकार ने सरकारी कार्यालयों के लिए नए वाहन व उपकरण खरीदने पर रोक लगा दी गई है, वहीं कोई नया कार्यालय भी नहीं खोला जाएगा। इसके साथ ही राजकीय भोज नहीं होगा और अधिकारियों की विदेश यात्रा पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर कोरोना वायरस संक्रमण महामारी की चुनौती का सामना करते हुए मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, प्रभावित वर्ग को सहायता प्रदान करने व आर्थिक गतिविधियों में ढीलेपन के कारण राजस्व प्राप्तियों में आयी भारी कमी को सरकार ने गंभीरता से लिया है।
उन्होंने कहा कि इसी के मद्देनजर राज्य सरकार ने वित्तीय कुशल प्रबंधन को बढ़ावा देते हुए मितव्ययता परिपत्र जारी किया है। मितव्ययता परिपत्र के मुताबिक वर्ष 2020-21 के बजट की विभिन्न मदों जैसे कार्यालय व्यय, यात्रा व्यय, कम्प्यूटर अनुरक्षण, स्टेशनरी, मुद्रण व लेखन, प्रकाशन, पुस्तकालय तथा पत्र-पत्रिकाओं पर व्यय के लिए उपलब्ध धनराशि का व्यय इस वित्तीय वर्ष में 70 प्रतिशत तक सीमित किया जाएगा।
साथ ही, पीओएल मद में स्वीकृत प्रावधान के विरूद्ध व्यय को भी 90 प्रतिशत तक सीमित किया जाएगा। इसके साथ ही शासकीय कार्यों के लिए की जाने वाली यात्राओं को न्यूनतम रखा जाएगा। यथासंभव वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठकें आयोजित की जाएंगी।
हवाई यात्रा के लिए अधिकृत अधिकारी इकॉनामी क्लास में ही यात्रा करेंगे और एक्जीक्यूटिव एवं बिजनेस क्लास में यात्रा पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। राजकीय व्यय पर विदेश यात्रा तथा विमान किराए पर लेने पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध होगा।