राजस्थान के कोटा में तीन छात्रों के संदिग्ध परिस्थिति में सुसाइड करने के मामले को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने इस संबंध में राजस्थान सरकार, केन्द्रीय उच्च शिक्षा सचिव और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष को नोटिस भेज कर जवाब मांगा है। आयोग ने यह कार्रवाई में मीडिया में प्रकाशित खबरों पर स्वत: संज्ञान लेकर किया है। आयोग ने इस संबंध में जारी बयान में कहा है कि अब निजी कोचिंग संस्थानों के नियमन की आवश्यकता महसूस हो रही है। इसमें देरी करना उचित नहीं है।
आयोग का बयान
घटना की जानकारी होने पर आयोग ने अपने बयान में कहा है कि देश भर से छात्र आकर कोटा में रहते है और विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं की तैयारियां करते हैं। इनमें से तीन छात्रों ने 12 घंटे के अंदर कथित तौर पर सुसाइड किया है। यह गंभीर मामला है। इस संबंध में आयोग ने नोटिस जारी कर संबंधित पक्षों से जवाब मांगा है। साथ ही इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों से भी अवगत कराने को कहा है। आयोग ने माना है कि अब कोचिंग संस्थानों के भी नियमन की जरूरत है। ऐसा होने से ही इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सकेगी।
यह है मामला
राजस्थान के कोटा में रहकर पढ़ाई करने वाले बिहार के दो छात्रों अंकुश और उज्जवल ने सोमवार को आत्महत्या कर ली थी। यह दोनों छात्र अलग-अलग कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे थे, लेकिन एक ही हॉस्टल में रहते थे। दोनों के शव अपने अपने कमरे में फंदे से लटके मिले थे। इनमें से एक इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश की तैयारी कर रहा था। वहीं दूसरा मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी में जुटा था। सोमवार की सुबह ग्यारह बजे तक जब अंकुश अपने कमरे से बाहर नहीं आए तो उनके दोस्तों ने फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। खिड़की से देखने पर पता चला कि वह फंदे पर लटका है।
इस बीच इसी हास्टल में रहने वाले एक अन्य छात्र उज्जवल के भी फांसी लगाने की सूचना मिली। इसी क्रम में कोटा में रहकर मेडिकल की तैयारी कर रहे एक अन्य छत्र प्रणव की भी जहरीला पदार्थ खाने से मौत हो गई। प्रणव मध्यप्रदेश में शिवपुरी का रहने वाला था। तीनों छात्रों की उम्र 16, 17 और 18 साल बताई जा रही है।
डिप्रेशन हो सकती है वजह
तीनों ही सुसाइड केस में कोई सुसाइड नोट तो नहीं मिला, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि तीनों छात्र पढाई के प्रेशर को झेल नहीं पा रहे थे। इसकी वजह से वह डिप्रेशन में आ गए थे। जानकारी के मुताबिक डेढ़ बजे रात में हास्टल में रहने वाला एक अन्य छात्र अपने कमरे से बाहर आया तो प्रणव अपने कमरे के बाहर अचेत पड़ा था। उसने तुरंत हास्टल संचालक को मामले की जानकारी दी और उसे अस्पताल पहुंचाया गया।