ऐसा शायद ही कोई हो जिसे पॉपकॉर्न खाना पसंद नहीं होगा। ज्यादातर लोग तो मूवी या किसी ट्रिप को बिना पॉपकॉर्न के एन्जॉय ही नहीं कर पाते हैं। बेशक आज पॉपकॉर्न दुनियाभर बड़े चाव से खाए जा रहे हो,लेकिन आपको यह बात जानकार हैरानी होगी कि करीब 4000 साल पहले पॉपकॉर्न को खाया नहीं जाता था।
अब आप सोच रहे होंगे ऐसा क्यो? तो आपको बता दें कि पॉपकॉर्न के सेवन ना करने के पीछे की एक बड़ी कहानी छिपी हुई है। 4000 साल पहले पॉपकॉर्न का इस्तेमाल केवल सजाने के लिए किया जाता था। तो आइए जानते हैं इसके बारे में कुछ रोचक तथ्य।
किसने खाया सबसे पहले पॉपकॉर्न
सबसे पहले दुनिया में अमेरिका के मूल निवासी पॉपकॉर्न खाया करते थे। हालांकि बाद में वहां पर रहने वाले यूरोपीय लोगों ने पॉपकॉर्न का सेवन करना शुरू कर दिया। इसके साथ ही दुनिया में पहली बार पॉपकॉर्न भूनने वाली मशीन 134 साल पहले यान साल 1885 में बनी थी।
इस मशीन को अमेरिका के निवासी चाल्र्स क्रेटर ने बनाया था। तब ये पहले मंूगफली भूनने के लिए एम मशीन तैयार कर रहे थे जो आगे चलकर पॉपकॉर्न भूनने वाली मशीन बनकर सामने आई। इसका मतबल तो ये हुआ कि पॉपकॉर्न की मशीन तो गलती से बनकर तैयार की गई है।
बताया जाता है कि पॉपकॉर्न की खोज करीब 4000 साल पहले न्यू मैक्सिको में हुई थी। तब यह चमगादड़ से भरीएक गुफा में मिला था लेकिन उस समय किसी को यह पता नहीं था कि इसे खाया भी जाता है। क्योंकि तब इसे सजाने के लिए काम में लाया जाता था। उस वक्त इससे सिर और गले के आभषूण बनाए जाते थे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक इतिहासकार एंड्रयू स्मिथ लिखते हैं कि चाल्र्स क्रेटर और उनके सहायक अपनी पॉपकॉर्न भूनने की मशीन को साल 1893 के वल्र्ड फेयर में लेकर गए थे। वहां पर वो दोनों आवाज लगाकर लोगों को पॉपकॉर्न टेस्ट करने के लिए बुलाते थे।
साथ ही मशीन के साथ एक बैग फ्री में देने का वादा करते थे। लेकिन आज चाल्र्स क्रेटर की कंपनी अमेरिका में पॉपकॉर्न भूनने वाली मशीन बनाने की सबसे बड़ी कंपनी उभरकर समाने आई है।