देश में कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन किया गया है। लॉकडाउन के दौरान कई लोग जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। कोई नहीं इस संकट की घड़ी में भूखा सोए इसी मकसद से सरकार और आमजन काम कर रहे हैं।
इसी बीच जरूरतमंद लोगों के लिए किसी फरिश्ते की तरह राजस्थान के जोधपुर के उम्मेदनगर का किसान आया है। आसपास के 80 गांवों के 6 हजार परिवार वालों के लिए ये अकेला किसान सहारा बना है। यह किसान अपनी जिन्दगीभर की कमाई से अब उन सभी जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रहा है।
खर्च किए 50 लाख रुपय
देश में लॉकडाउन होने के बाद उम्मेदनगर के निवासी किसान पाबूराम मंडा और उनकी पत्नी मुन्नीबाई ने लोगों की मदद करने का फैसला किया। अनुमान लगाया जा रहा है कि उन्होंने जरूरतमंद लोगों की मदद में लगभग 50 हजार रुपय खर्च कर दिए हैं। अब तक दो हजार से ज्यादा परिवार वालों की मदद मंडा परिवार ने की है। हालांकि अनाज और अन्य सामग्री बाकी परिवार वालों को अभी भी भेज रहे हैं। उनके बेटे रामनिवास इस काम में अपने पिता की पूरी मदद कर रहे हैं।
डिप्टी इनकम टैक्स कमिश्नर एक बेटा
इस मामले में दिल्ली में इनकम टैक्स विभाग में डिप्टी कमिश्नर डॉ. भागीरथ मंडा ने बताया कि उन्होंने कभी ऐसा सोचा नहीं था कि उनके माता-पिता ऐसा सराहनीय कदम कोरोना वायरस संकट के बीच में लोगों की मदद करने के लिए उठाएंगे। वो भी इतनी जल्दी। जोधपुर की ओसियां और तिंवरी तहसील के लगभग 80 गांवों में भोजन की व्यवस्था करेंगे। गौरव है उनका बेटा होना।
राशन पहुंचा रहे गांव-गांव
राशन सामग्री अब तक मंडा परिवार ने दो हजार परिवारों तक पहुंचाई है। चार हजार शेष के पास पहुंचा रहे हैं। गांव-गांव तक आनाज और बाकी खाद्य सामग्री छोटे वाहनों के जरिए पहुंचा रहे हैं। राशन के पैकेट हर परिवार को दिए जा रहे हैं। उन पैकेट में आटा, दाल, तेल, नमक, हल्दी, मिर्ची, धनिया, साबुन, बिस्किट, माचिस जैसी रोजाना की जरूरत की चीजें भेज रहे हैं। लगभग 750 रुपय में एक पैकेट तैयार होता है।