मधु नाम के ये शख्स पेशे से कंडक्टर हैं। बावजूद इसके इनके अंदर कुछ न कुछ बड़ा करने की लगन हमेशा से रही है। मधु ने अपने जीवन में कई मुसीबतों का सामना किया है और साथ ही बहुत मेहनत भी की है। इस बीच खास बात यह है कि आज की तारीख में मधु खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं। वैसे यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि मधु हिम्मत की मिसाल बन चुके हैं। क्योंकि यह एक ऐसे शख्स है जिन्होंने रोजाना बस में कंडक्टरी करते हुए 5 घंटे पढ़ाई करके यूपीएससी की मेन्स परीक्षा पास कर ली है। अब आने वाली 25 मार्च को उनका इंटरव्यू होना बाकी है। मधु इंटरव्यू पास कर लेने के बाद आईएएस या फिर आईपीएस अफसर बन जाएंगे।
क्या कहानी?
बेंगलुरू मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन की बस में कंडक्टरी करते हैं। हालांकि जब उन्होंने यूपीएससी के रिजल्ट की लिस्ट देखी तो उनकी खुशी का जरा भी ठिकाना नहीं रहा। क्योंकि ये वो लम्हा था जिसे हर वो शख्स जीना चाहता है जो आईएएस बनना चाहता है।
अभी मधु 29 साल के है। उन्होंने साल 2019 जून में पहले प्रिलियम्स के पेपर दिए थे। जिसे क्लियर कर लेने के बाद उन्होंने अक्टूबर में मुख्य परीक्षा दी। अब उनकी ये वाला पेपर भी पास हो गया है। अब सब कुछ निर्भर उनके आखिरी पड़ाव यानी इंटरव्यू का है,जो अभी 25 मार्च के दिन होना है। उम्मीद है कि मधु अपने ख्वाब को हकीकत जरूर बना लेंगे।
19 साल की उम्र से कर रहे हैं नौकरी
कर्नाटक के मंड्या के एक छोटे से गांव मालवल्ली के रहने वाले मधु जब 19 साल के हुए तभी उन्होंने स्कूल पूरा कर लेने के बाद से कंडक्टरी करनी शुरू कर दी थी। वहीं उन्होंने नौकरी के साथ ही डिस्टेंस से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन पास की है। मधु के पास पॉलिटिकल साइंस में मास्टर की डिग्री है। उनका कहना है कि मेरे माता-पिता को यह नहीं मालूम कि मैंने कौन सी परीक्षा पास की है। मगर मैं बहुत खुश हूं कि मैं अपने परिवार में पहला पढ़ाई करने वाला शख्स हूं।
बनना चाहते हैं अपनी बॉस जैसा
करीब 8 घंटे कंडक्टरी करने वाले मधु का कहना है कि यह एक थका देने वाली नौकरी है। इसमें बहुत मेहनत भी करनी पड़ती है। घंटों तक भीड़ से भरी बस में इधर-उधर फिरते हुए टिकट काटना कोई आसान काम नहीं है। इंटरव्यू पास हो जाने के बाद इस नौकरी को छोड़कर वह अपने वर्तमान बॉस सी शिखा की तरह आईएएस अफसर बनना चाहते हैं।
उन्होंने आगे यह भी बताया कि हर सप्ताह दो घंटे उनकी बॉस शिखा उन्हें इस इंटरव्यू के लिए तैयार करती हैं। उन्होंने हमेशा मेरी सहायता करी है। हालांकि यूपीएससी से पहले साल 2014 में मधु ने कर्नाटक प्रशासनिक सेवा की परीक्षा दी थी,लेकिन वो उसे क्लियर नहीं कर पाए। इसके अलावा उन्होंने साल 2018 में यूपीएससी की परीक्षा भी दी जिसमें वो सफल नहीं हो सके।
मधु के साथ इतना सब होने के बाद भी उन्होंने अपने जीवन में कभी हार नहीं मानी है। क्योंकि उन्होंने अपने आप को बहुत मजबूत कर लिया है। उन्होंने अपने घर वालों का हाथ बटाया और नौकरी की। अपने सपनों को सकार करने के लिए उन्होंने रोजाना 5 घंटे पढ़ाई भी की। वो रोजाना 4 बजे उठ जाते हैं। अपनी पढ़ाई कर लेने के बाद वो काम पर निकल जाते हैं। इस बीच खास बात यह भी रही कि मधु ने कभी भी किसी कोचिंग सेंटर का सहारा नहीं लिया बल्कि उन्होंने अपने वरिष्ठ साथियों और इंटरनेट के द्वारा अपनी पढ़ाई की है।