उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में एक महिला ने चलती रोडवेज की बस में एक बच्चे को जन्म दिया। जिसके बाद परिजनों ने जन्मे बच्चे का नाम ‘महोबा डिपो’ रखा। वहीं, यह देश की पहली ऐसी घटना नहीं है जहां बच्चों का नाम ऐसा रखा गया है। इससे पहले भी कोरोना वायरस महामारी के दौरान पैदा हुए बच्चों के नाम ‘कोरोना कुमार’, ‘सैनिटाइजर कुमारी’ और ‘कोविड’ इत्यादि रखे गए हैं। इस सूची में अब ‘महोबा डिपो’ भी शामिल हो गया है।
सोमवार को जब यह घटना हुई, उस वक्त महिला को उनके परिवारवाले रोडवेज की बस से जिला अस्पताल ले जा रहे थे। बस में महिला को प्रसव पीड़ा से छटपटाते देख एक बुजुर्ग महिला ने वहीं उनका प्रसव करा दिया। इसके बाद बस के चालक और कंडक्टर ने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी और बस को सीधे अस्पताल लेकर गए, जहां मां और नवजात को भर्ती कराया गया।
जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ और सुरक्षित हैं। इस खबर पर खुशी जताते हुए रोडवेज कर्मियों द्वारा यात्रियों को मिठाई बांटी गई और सबने मिलकर बच्चे का नाम ‘महोबा डिपो’ रखा। अप्रैल के महीने में सहारनपुर में एक जोड़े ने अपनी बच्ची का नाम ‘सैनिटाइजर’ रखा। 27 मार्च को छत्तीसगढ़ में एक जोड़े ने अपने जुड़वा बच्चों का नाम ‘कोविड’ और ‘कोरोना’ रखा।