इस बार 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी पड़ रही है। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, एकादशी के तिथि इस दिन है। मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु का शयनकाल भी देवउठनी एकादशी पर समाप्त होता है। पाताल लोक में भगवान विष्णु शयन काल के समय विश्राम करते हैं। चातुर्मास आरंभ उस दिन से शुरु हो जाता है जब से भगवान विष्णु का विश्राम काल आरंभ होता है। इसका मतलब यह है कि मांगलिक कार्य चार महीने तक वर्जित होते हैं। हालांकि चातुर्मास 1 जुलाई से इस बार आरंभ हुआ था। जबकि चातुर्मास समाप्त 25 नवंबर को हो रहा है।
तुलसी विवाह भी देवउठनी एकादशी पर होता है। तुलसी माता की पूजा विशेष रूप से इस दिन होती है। साथ ही भगवान विष्णु का भी इस दिन स्वागत करते हैं। उसके बाद से ही सभी मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं। कई विवाह मुुहूर्त भी इस बार बन रहे हैं। चलिए आपको शादी-विवाह के मुहूर्त बताते हैं।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, विवाह के शुभ मुहूर्त 26 नवंबर से 11 दिसंबर तक हैं और इस दौरान शादी-विवाह के 11 मुहूर्त बने हैं। उसके बाद खरमास 11 दिसंबर के बाद 16 दिसंबर से आरंभ हो रहा है। शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य खरमास में बंद हो जाते हैं। वहीं अगले साल 2021 में शादी-विवाह के शुभ मुहूर्त अप्रैल महीन में निकल रहे हैं।
शादी विवाह के मुहूर्त नवंबर माह में
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, विवाह के शुभ मुहूर्त 26,29, 30 नवंबर और 1,2,6,7,8,9,10,11 दिसंबर को बन रहे हैं। विवाह के लिए यह भी मुहूर्त बहुत श्रेष्ठ हैं।
खरमास शुरु 16 दिसंबर से होंगे
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, खरमास आरंभ 16 दिसंबर से होगा। शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्य खरमास में नहीं करते हैं। वृश्चिक राशि से धनु राशि में सूर्य गोचर इस दिन करेंगे। साल 2021 में 19 जनवरी से 15 फरवरी तक अस्त 27 दिनों तक हो जाएगा। उसके बाद शुक्र अस्त 17 फरवरी से 17 अप्रैल तक 60 दिनों तक रहेगा। फिर विवाह के शुभ मुहूर्त 22 अप्रैल से आरंभ हो जाएंगे।