शुक्रवार 25 अक्टूबर को इस साल धनतेरस का पर्व मनाया जा रहा है। अबूझ मुहूर्त धनतेरस को माना जाता है लेकिन बता दें कि धनतेरस का इस बार बहुत ही शुभ मुहूर्त बताया जा रहा है। कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि धनतेरस पर शुभ संयोग 100 साल बाद बना रहा है।
पंचांग के अनुसार धनतेरस पर शुभ संयोग सिर्फ 3 साल बाद ही बना रहा है और यह बहुत ही फलदायक है। शास्त्रों के अनुसार शुक्रवार को इस साल धनतेरस है जो कि शुक्र प्रदोष में आ रही है और यह संयोग 100 साल बाद हो रहा है। धनतेरस का पर्व 2016 में 28 अक्टूबर को थी और शुक्रवार का दिन था। उस दिन भी धनतेरस शुक्र प्रदोष में आई थी।
धनतेरस का शुभ मुहूर्त
पूजा मुहूर्त- शाम 7:06 बजे से रात 08:16 बजे तक
प्रदोष काल- शाम 05:39 से रात 08:14 बजे तक
वृषभ काल- शाम 7 बजे से रात 8:56 बजे तक
शुभ संयोग इस साल धनतेरस पर और भी ज्यादा होने वाले हैं। ब्रह्म और ऐन्द्र योग का संयोग इस साल की धनतेरस पर बन रहा है। समृद्धि की वर्षा इस शुभ संयोग में होगी। साथ ही सर्वार्थसिद्धि योग भी इस साल की धनतेरस पर बन रहा है। इसकी वजह धनतेरस का शुभ मुहूर्त और भी बढ़ गया है।
स्वामिनी देवी लक्ष्मी का शुक्रवार का दिन माना जाता है। देवी लक्ष्मी और गणेश की चांदी की मूर्ति, चांदी के बर्तन इस संयोग में धनतेरस के दिन खरीदने बहुत फलदायक होगा। कपूर जलाकर देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना धनतेरस के प्रदोष काल यानी संध्या के समय करने से जीवन में समृद्धि और सुख बना रहेगा। सभी कमरों में कपूर की आरती का धुआं फैलाएं ताकि घर से नकारात्मक ऊर्जा चली जाए।