आखिर क्यों करते हैं धोनी-कोहली और सचिन इस शख्‍स का इंतजार ? - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

आखिर क्यों करते हैं धोनी-कोहली और सचिन इस शख्‍स का इंतजार ?

भारतीय टीम के सारे खिलाड़ी राम भंडारी के बहुत बड़े मुरीद हैं। बता दें कि बेंगलुरु के रहने वाले राम भंडारी मूल रूप से बिहार के हैं।

भारतीय टीम के सारे खिलाड़ी राम भंडारी के बहुत बड़े मुरीद हैं। बता दें कि बेंगलुरु के रहने वाले राम भंडारी मूल रूप से बिहार के हैं। विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी के खास तो राम भंडारी हैं ही लेकिन उनका इंतजार सचिन तेंदुलकर अपने खेल के दिनों में बहुत इंतजार करते थे। 
1562672530 ram

पिता सेना में थे, खुद हो गए 10वीं फेल

बता दें कि राम भंडारी के पिता जी सेना में थे। उनके पिता घायल हो गए थे जिसके बाद उन्‍हें रिटायरमेंट लेनी पड़ गई थी। इसके साथ ही 10वीं फेल भी राम हो गए थे। उसके बाद राम को गांवों वालों ने ताना देना शुरु कर दिया था कि वह कुछ नहीं कर पाएगा। 
1562672570 ram bhandari
राम भंडारी गांवों वालों की बातें सुनकर दुखी हो गए थे जिसके बाद वह यूपी के गोरखपुर आ गए। उसके बाद राम गोरखपुर से मद्रास काम की तलाश में चले गए। वहां से वह मुंबईख्‍ पुणे और फिर बेंगलुरु पहुंच गए। यह वाकया 1979 या 1980 का है। उन्हें नौकरी एक बिल्डिंग में मिली जहां पर वह मेंटेनेंस और बाकी काम देखते थे। 

बैट रिपेयर करवाने राहुल द्रविड़ भी आते थे

राम भंडारी ने बताया कि, मेरे पास दिन में बहुत समय खाली रहता था। मुझे काम करने की चाहत होती थी इसलिए मैंने बैट रिपेयरिंग का काम शुरु कर दिया था। उस समय मैंने जो पहला बैट रिपेयर किया था उसके मुझे 30 रुपए मिले थे।
1562672599 ram2
 उस समय राहुल द्रविड़ कॉलेज में थे और मेरे पास बैट सही करवाने आते थे। उसके बाद मेरा मन इस काम में लगना शुरु हो गया और फिर पैसे भी अच्छे मिलने लगे। 

खुशी से जो पैसे खिलाड़ी देते हैं उन्हें मैं रख लेता हूं

राम भंडारी ने 1996 में बैट रिपेयरिंग के काम को ही अपना मुख्य काम बना लिया था। वह रिपेयर करने के साथ बैट बनाने भी लग गए थे। राम भंडारी कहते हैं कि, खुशी मिलती है, जब कोई खिलाड़ी मेरे बनाए बैट से अच्छा स्कोर बनाता है। 
1562672665 ram bhandari2
वह सब मैदान से लौटकर मुझे थैंक यू भंडारी जी बोलते हैं। बहुत प्रसन्नता मिलती है। राम भंडारी आगे कहते हैं कि उन्होंने कभी बैट रिपेयर करने के लिए कोई कीमत तय नहीं की। खिलाड़ी जो भी खुशी से देते हैं वह रख लेते हैं। 

तीन बैट लेकर सचिन आए और कहा….

राम भंडारी ने एक वाकया याद करते हुए कहा कि, साल 2007 की बात है। सचिन तेेंदुलकर मेरे पास 3 बैट ठीक करने के लिए लेकर आए। 
1562672707 sachin ram
सचिन ने मुझे कहा-भंडारी, मैं आपको इंतजार करेगा। आप जल्दी आओ। भंडारी ने आगे बताया कि, बैट रिपेयरिंग के काम में सबकुछ एकदम सटीक होना चाहिए। इसलिए कई बार समय ज्यादा लग जाता है। मैंने उस दिन तीनों बैट को रिपेयर किया और चिन्नास्वामी स्टेडियम के लॉबी में पहुंचा, पूरी टीम वापस होटल चली गई थी। लेकिन सचिन वहां बैठ कर मेरा इंतजार कर रहे थे। 
 

यह काम पिछले दो दशक से ज्यादा समय से कर रहे हैं

राम भंडरी ने कहा है कि एक दफा किसी ने उनसे कहा था, भंडारी सर, दूरा देश सचिन का इंतजार करता है, लेकिन सचिन राम भंडारी का इंतजार करते हैं। 
1562672741 ram bhandari3
पिछले दो दशक से  ज्यादा राम बैट बनाने और रिपेयर करने का यह काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं राम इंटरनेशनल खिलाड़ियों का बैट भी रिपेयर कर चुके हें। 

बैट ठीक करवाते थे पोंटिंग और लारा भी

भारतीय टीम के खिलाड़ी ही नहीं राम भंडारी को पूछते हैं। राम भंडारी से सचिन तेेंदुलकर, विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी के साथ ही रिकी पोंटिंग और ब्रायन लारा भी बैट रिपेयर करवा चुके हैं। 
1562672778 ram3
उन्होंने कहा कि, बैट बनाने वाली कंपनियां बल्ले के भार, मजबूती और उसके डिजाइन पर फोकस करती है। लेकिन क्रिकेटर्स के लिए बैट का बैलेंस और उसकी फील मायने रखती है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ten + sixteen =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।